नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद के लोगों में शायद लिंगभेद की सोच को लेकर काफी परिवर्तन आया है. अब यहां के लोग बेटे-बेटियों में अंतर नहीं कर रहे हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 (2020-21) के मुताबिक गाजियाबाद जिले में जन्म के समय 1,000 लड़कों पर 907 (2015-16) लड़कियों से बढ़कर ये संख्या 1182 हो गई है. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के बाद गाजियाबाद ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है. प्रयागराज में एक हजार बेटों पर 1191 बेटियां जन्म ले रही हैं.
Ghaziabad में बेटों से ज्यादा जन्मीं बेटियां, हजार बेटों पर 1182 बेटियां - उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर पर
गाजियाबाद के लोग बेटे-बेटियों में अंतर नहीं कर रहे हैं. इसकी तस्दीक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 (2020-21) के आंकड़े कर रहे हैं. यहां बेटों से ज्यादा बेटियों ने जन्म लिया है. 1000 बेटों पर 1182 बेटियां, जो उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर पर है.
गाजियाबाद जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र
गाजियाबाद जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र बताते हैं कि पूर्व के समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कन्या भूण हत्या के मामले पाए जाते थे. जिसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर प्रयास किया. इसके परिणाम स्वरूप कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित पूरे प्रदेश में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर आया है.