नई दिल्ली/गाजियाबाद : जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना का प्रभाव कम होता जा रहा है. वैसे ही सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस (Minority Congress Party Meeting) के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम, उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद, उत्तर प्रदेश कार्यालय प्रभारी शाहनवाज खान, महासचिव अकबर चौधरी और गाजियाबाद जिलाध्यक्ष यामीन मलिक ने आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर शनिवार शाम जनपद गाजियाबाद (Ghaziabad News) सहित ग्रामीण क्षेत्रों के मौलाना और कारीयों के साथ वर्चुअल बैठक की है.
वर्चुअल बैठक (Virtual Meetings with Ulemas) में अल्पसंख्यक कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने मौलाना से यह जानने की कोशिश की है कि आखिर कांग्रेस पार्टी से मुस्लिम समाज के लोग किस कारण से नहीं मिल पा रहे हैं. पार्टी में क्या-क्या कमियां हैं जिनको दूर किया जा सकता है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस ने उलेमाओं साथ की बैठक, कई मुद्दों पर की चर्चा
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) के अल्पसंख्यक कांग्रेस (Minority Congress Party) के अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने जिले के मौलाना और कारियों के साथ शनिवार शाम वर्चुअल बैठक (Virtual Meetings with Ulemas) की. इस दौरान कांग्रेस पार्टी में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया गया.
कांग्रेस में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने पर जोर
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अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम का कहना है कि अगर 80 परसेंट अल्पसंख्यक के लोगों की उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस को वोट मिलेगी. तो अल्पसंख्यक समाज के लोगों को उत्तर प्रदेश में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. वर्चुअल बैठक में सभी मौलाना और कारियों ने आश्वासन दिलाया कि वे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को वोट देकर हाथ मजबूत करने का काम करेंगे.