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ग़ाज़ियाबाद के MBA पास फ्रॉड गैंग ने तीन बैंकों को लगाया करोड़ों का चूना

ग़ाज़ियाबाद के एक फ्रॉड गैंग ने शातिर तरीके से तीन बैंकों को करोड़ों का चूना लगाया है. पुलिस ने मामले की तफ्तीश करते हुए बैंक के एक फील्ड ऑफिसर समेत कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

MBA pass fraud gang of ghaziabad duped three banks of crores
MBA pass fraud gang of ghaziabad duped three banks of crores

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Published : Jan 25, 2022, 7:47 PM IST

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद में MBA पास युवक ने जब जल्दी अमीर बनने का सपना देखा तो जुर्म की राह चुन ली. इसके बाद उसने गैंग बनाकर जो वारदातें अंजाम दीं. उसे सुनकर पुलिस भी हैरान है. एनसीआर में फर्जी दस्तावेजों से कार लोन पास कराने का अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. फर्जीवाड़ा इस तरह से किया जाता था कि इसकी भनक बैंक को नहीं लग पाती थी. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें एक बैंक का फील्ड ऑफिसर भी शामिल है. दिल्ली, नोएडा और मुरादाबाद के तीन बैंकों को इस गैंग ने करोड़ों का चूना लगाया है.



ग़ाज़ियाबाद शहर कोतवाली इलाके से पुलिस ने 5 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस फ्रॉड गैंग का मुख्य आरोपी ग़ाज़ियाबाद निवासी अजीत नाम का एक शख्स है. इस गिरोह में अजीत ने अपने तीन साथियों को शामिल किया था. कार लोन स्कीम के जरिए ये गैंग बैंकों को चूना लगाता था. इस पूरे फर्जीवाड़े में ये लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए कार लोन लेते थे. शुरुआत में ये बैंक की किस्तें कुछ महीनों तक अदा करते थे. बाद में बैंक की किस्त बंद करके कार बेचने के बाद ये अंडरग्राउंड हो जाते थे.

ग़ाज़ियाबाद के MBA पास फ्रॉड गैंग ने तीन बैंकों को लगाया करोड़ों का चूना

इस फर्जीवाड़े में इस गैंग की मदद फील्ड ऑफिसर विवेक त्यागी करता था. जिसे पांचवें आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. विवेक त्यागी भी गाजियाबाद का रहने वाला है. यह गैंग अब तक तीन बैंकों को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई गाड़ियां, फर्जी जस्तावेज और कम्प्यूटर वगैरह बरामद की हैं. गैंग का सरगना अजीत नौकरी नहीं करना चाहता था, लेकिन जल्द से जल्द अमीर बनना चाहता था. इसलिए उसने बैंकों को ठगने की पूरी योजना तैयार की. योजना के तहत यह गैंग पहले किराए पर एक मकान लेता था. मकान का रेंट एग्रीमेंट इस्तेमाल करके आधार कार्ड के एड्रेस को बदल दिया जाता था. इसके बाद गैंग के सदस्य कुछ कंपनियों के साथ मिलकर उनकी फर्जी सैलरी स्लिप तैयार करते थे. कुल मिलाकर लोन लेने के लिए पूरी फाइल तैयार कर ली जाती थी. जिसके जरिए कार लोन लिया जाता था.

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फील्ड ऑफिसर विवेक त्यागी फील्ड वेरिफिकेशन में सारी रिपोर्ट पॉजिटिव लगाकर भेज देता था. जिससे कभी इनकी फाइलें लोनिंग प्रॉसेस में पकड़ी नहीं जा सकीं. लेकिन कार लोन की किस्तें अंदा न होने पर मामले की तफ्तीश शुरू हुई तो न तो इनका कोई पता-ठिकाना मिला और न ही गाड़ियां मिलीं. जिसके बाद पुलिस को इस फर्जीवाड़े की शिकायत दी गई. फिलहाल ग़ाज़िय़ाबाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज करके आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही पुलिस आरोपियों की हिस्ट्रीशीट भी खंगाल रही है. तफ्तीश में इस तरह के कई और मामले सामने आने की संभावना है.

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