नई दिल्ली/गाजियाबाद:लॉकडाउन के दौरान रमजान का महीना शुरू होने वाला है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु लोगों से घरों से ही नमाज अता करने की अपील कर रहे हैं. साथ ही लोगों को इसके मायने भी समझा रहे हैं.
सुनें क्या कह रहे हैं मौलाना जिकरिया कासमी मुरादनगर के मौलाना जिकरिया कासमी का कहना है कि रमजान के पाक महीने में मस्जिद में जाकर तरावीह अता करना जरूरी नहीं है. आप सभी लोग अपने घरों में हाफिज-ए-कुरान के पीछे दो या तीन लोग खड़े होकर भी तरावीह की नमाज अता कर सकते हैं. मजबूरी में घर पर रहकर नमाज अदा करने से भी पूरा सवाब (पुण्य) मिलता है.
मौलाना जिकरिया कासमी से बातचीत
दरअसल लाॅकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय का पाक महीना माने जाने वाला रमजान उल का मुबारक का महीना आ रहा है. इसमें मुस्लिम समुदाय मस्जिदों में जाकर खुदा की इबादत करता है. कुरान शरीफ की तिलावत होती है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते किस तरीके से मुस्लिम समुदाय रमजान उल मुबारक के पाक महीने में इबादत करें, इसको लेकर ईटीवी भारत ने की मुरादनगर कस्बे के जिम्मेदार मौलाना जिकरिया कासमी से बातचीत की.
घर पर ही रहने की अपील
ईटीवी भारत पर मौलाना जिकरिया कासमी ने पूरे हिंदुस्तान और गाजियाबाद जिला के मुरादनगर कस्बे के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि लाॅकडाउन और कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए इस बार रमजान उल मुबारक के महीने में आप घरों पर रहकर ही नमाज अता करें. घर में हाफिज ए कुरान के पीछे दो या तीन लोग खड़े होकर भी तरावीह पढ़ सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जरूरी नहीं कि आप मस्जिद में जाकर ही खुदा की इबादत करें, मजबूरी में घर पर रहकर इबादत करने से भी पूरा सवाब मिलता है.
घर पर ही अदा करें तरावीह
इसके साथ ही अपील करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरीके से पिछले एक महीने से लाॅकडाउन के दौरान मुस्लिम लोग अपने घरों में रहकर ही नमाज अदा कर रहे हैं. उसी तरीके से रमजान में भी अपने घरों पर रहकर ही नमाज अदा करें और सरकार ने लाॅकडाउन को लेकर जो भी नियम कानून बनाए हैं. सभी उसका पालन करें और रमजान के दौरान अपने घरों पर भी भीड़ इकट्ठा ना करें.