नई दिल्ली/गाजियाबाद:सियाचिन में झंडा फहराकर वापस आते वक्त जान गंवाने वालेसपूत को 16 साल बाद आज मुरादनगर के हिसाली गांव के अंतिम विदाई दी गई. उनकी शव यात्रा के दौरान भारी जनसैलाब उमड़ा, जिसके बाद उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद जवान अमरीश त्यागी को उनके भतीजे दीपक ने मुखाग्नि दी.
16 साल बाद शहीद जवान को सैन्य सम्मान के साथ दी विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब - army soldier funeral with military honors in Muradnagar
गाजियाबाद के मुरादनगर में जन्मे सपूत को 16 साल बाद मंगलवार को मुरादनगर के हिसाली गांव में अंतिम विदाई दी गई. उनकी शव यात्रा के दौरान भारी जनसैलाब उमड़ा, जिसके बाद उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. बता दें कि 16 साल पहले सेना के जवान अमरीश त्यागी सियाचिन में झंडा फहराने गये थे, वहां से लौटाते वक्त उनकी खाई में गिरने से मौत हो गई थी.
सेना के शहीद जवान अमरीश त्यागी का पार्थिव शरीर जैसे ही मुरादनगर में पहुंचा तो वहां पर आसपास के क्षेत्रों से जनसैलाब उमड़ पड़ा, जिसके बाद मुरादनगर के छोटा हरिद्वार गंगनहर से शहीद जवान के पैतृक गांव हिसाली तक उनकी शव यात्रा निकाली गई, जिसमें आसपास के क्षेत्रों से काफी लोग शामिल हुए. हर कोई शहीद जवान की एक झलक पाने को बेताब हो रहा था. शव यात्रा के दौरान NH-58 पर दूर से दूर तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें दिखाई दीं. हर कोई शहीद जवान को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था.
16 साल बाद गांव पहुंचा जवान का शव, जानिए पूरा घटनाक्रम
शहीद जवान अमरीश त्यागी का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा, जय जवान जय किसान के साथ ही 'जब तक सूरज चांद रहेगा अमरीश तेरा नाम रहेगा' जैसे नारों से क्षेत्र गूंज उठा. इसके बाद घर से श्मशान घाट तक शव यात्रा निकाली गई. जहां घर से श्मशान घाट तक पूरी सड़क पर शहीद के सम्मान में गुलाब के फूल बिछाए गए थे. श्मशान घाट में शहीद जवान को सैन्य सम्मान दिया गया. इसके बाद शहीद जवान अमरीश त्यागी को उनके भतीजे दीपक ने मुखाग्नि दी.