नई दिल्ली/गाजियाबाद: इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान का महीना चल रहा है. ऐसे में शाम के समय रोजा इफ्तार करने के लिए वह सबसे पहले खजूर खाते हैं. आखिर रमजान के महीने में खजूर का इतना महत्व क्यों है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने मौलाना जिकरिया से की खास बातचीत.
जानिए, रमजान में खजूर क्यों है खास, इफ्तार में क्या है इसकी अहमियत
रमजान के महीने में खजूर से रोजा इफ्तार को खोलने को लेकर मौलाना जकरिया ने बताया कि मुस्लिमों के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब खजूर से ही अपना रोजा इफ्तार करते थे, उन्हीं को अमल करते हुए पूरी दुनिया के मुसलमान खजूर से ही अपना रोजा इफ्तार करते हैं.
ईटीवी भारत को मौलाना जिकरिया ने बताया कि अल्लाह के प्यारे रसूल और जिनके नक्शे कदम पर मुस्लिम समुदाय के सभी लोग चलते हैं पैगम्बर हज़रत मौहम्मद साहब, उन्हें खजूर बहुत पसंद थे और वह हमेशा ही रमजान के दिनों में खजूर से ही अपना रोजा इफ्तार करते थे. इसीलिए तमाम दुनिया के मुसलमान अमल करते हुए रमजान के दिनों में खजूर से ही अपना रोजा इफ्तार करते हैं. इसके साथ ही उनका कहना है कि खजूर काफी पौष्टिक होता है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है.
खजूर हमारे हुजूर की सुन्नत
रमजान के दूसरे जुम्मे (शुक्रवार) की नमाज को लेकर उन्होंने तमाम मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा है कि वह जुम्मे की नमाज अपने घर पर ही अदा करें, जैसा कि रमजान के दिनों से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग घर पर ही नमाज पढ़कर लाॅकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं. ठीक उसी तरह रमजान में भी घर पर नमाज पढ़कर सरकार और प्रशासन को सहयोग करें.