नई दिल्ली:इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान का पाक और मुकद्दस महीने चल रहा है. जिसमें वह 14 से 16 घंटे बिना कुछ खाए पिए सख्त गर्मी में परवरदिगार की इबादत में गुजारते है. तो वहीं रोजेदार को इस बात का डर भी सताता है कि कहीं उसके किसी गलत अमल की वजह से रोजा मकरूह है या फिर टूट न गया हो. आखिर वह कौन सी वजह है. जिनसे रोजा टूट और मकरूह हो सकता है, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मौलाना से की बातचीत.
शरीर के 360 अंग का होता है रोजा
इसके साथ ही मौलाना ने बताया कि हमारे शरीर के 360 अंग का रोजा होता है. अगर हम अपनी आंख से किसी गलत चीज को देखेंगे तो हमारी आंख का रोजा टूट जाएगा, अगर हम अपने पैरों से गलत चीज की ओर चल कर गए तो पैरों का रोजा टूट जाएगा, अगर हमने गलत काम करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो हाथ का रोजा टूट जाएगा और अगर हम ने जुबान से किसी को गलत बात कह दी तो हमारी जुबान का रोजा टूट जाएगा, मतलब रोजा नाम है तमाम शरीर के सभी अंगों को सही रखने का नाम रोजा हैं.