नई दिल्ली/गाजियाबाद: पिछले दिनों पालतू कुत्तों के कहर की 2 खबरें सुर्खियां बनी, पहला मामला गाजियाबाद का है. गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन की सोसाइटी की लिफ्ट में कुत्ते ने एक बच्चे पर हमला कर दिया और कुत्ते की मालकिन ने मदद नहीं की. बाद में मामले में मुकदमा दर्ज किया गया. दूसरा मामला नोएडा की सोसाइटी का है. सोसाइटी में पालतू कुत्ते की वजह से एक बच्चा लिफ्ट में गिर गया और कुत्ता आक्रामक हो गया. कुत्तों की वजह से बढ़ रही यह परेशानी आम नहीं है. पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं. सोसाइटी के लोग अक्सर पालतू और आवारा कुत्तों की वजह से दहशत में रहते हैं. इस रिपोर्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि पालतू कुत्तों को लेकर क्या नियम-कायदे हैं. अगर आप घर में कुत्ता पालते हैं और उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराते तो आपको किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं पालतू जानवर को पालने के नियम क्या हैं.
सभी को है कुत्ता (पालतू जानवर) पालने का अधिकार
पहले पालतू जानवर को पालने से संबंधित अधिकारों की बात कर लेते हैं. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का नियम कहता है कि सभी नागरिकों को पालतू जानवर रखने का अधिकार है. अपार्टमेंट, सोसाइटी और सिंगल स्टोरी मकान से लेकर किसी भी घर में पालतू जानवर रखा जा सकता है. किसी भी सोसाइटी में पालतू जानवर पालने को लेकर कोई रोक नहीं है.
आमतौर पर बड़ी सोसाइटी में आरडब्ल्यूए एसोसिएशन की तरफ से अगर कोई स्थानीय नियम लागू किया जाता है, तो उसके खिलाफ भी भारतीय पशु कल्याण बोर्ड में शिकायत की जा सकती है. कोई भी आरडब्ल्यूए पालतू कुत्ते को पालने को लेकर अलग से नियम नहीं बना सकता. प्रशासनिक नियम ही मान्य होते हैं. इसके अलावा कोई भी आरडब्ल्यूए किसी रेजिडेंट द्वारा पालतू जानवर पालने पर अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूल सकता. वहीं पालतू जानवर को लेकर पशु क्रूरता अधिनियम भी बना हुआ है.
कुत्ते का मालिक या कोई और व्यक्ति किसी पालतू जानवर या कुत्ते पर हमला करता है, तो उस पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि यह बात ध्यान रखनी जरूरी है कि आपके किसी पालतू जानवर से किसी अन्य व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. अन्यथा वह शिकायत कर सकता है.