नई दिल्ली/गाजियाबाद:कोरोना ने सभी त्योहारों व धार्मिक समागमों का रंग फीका कर दिया है. अब कोरोना का असर श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भी देखने को मिल रहा है. जन्माष्टमी पर मंदिरों में खासा रौनक देखने को मिलती थी. गाजियाबाद के प्राचीन श्री दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर में जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आती थी, लेकिन इस साल कोरोना के कारण मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार बहुत सादगी के साथ मनाया जाएगा.
जन्माष्टमी पर दूधेश्वरनाथ मंदिर में नहीं होगी झांकी एक बार में 4 लोग ले सकेंगे प्रसाद
श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी महाराज के अनुसार, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में झांकी, संकीर्तन इत्यादी आयोजित नहीं होगा. रात 10 बजे से 12 बजे तक गोपाल सहस्रनाम का पाठ होगा.
रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपरान्त प्रसाद वितरण होगा. जिसमे सिर्फ 4 शख्स एक बार में प्रसाद ले सकते हैं. कोरोना काल के चलते भीड़ एकत्रित ना हो इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी सूक्ष्म रूप से आयोजित की जाएगी.
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के त्योहार को भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि विष्णु भगवान के अवतार कृष्ण ने राक्षस कंस के अत्याचारों से लोगों को मुक्ति दिलाने और दुष्टों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था. जिस दिन श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था. उसी दिन को लोग जन्माष्टमी के तौर पर मनाते हैं.