नई दिल्ली/गाजियाबादः कृषि कानून के विरोध में तकरीबन 16 दिन से किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर डटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर इस समय ईख (गन्ने) की कटाई (छोल) का समय भी चल रहा है. ऐसे में गन्ने की खेती करने वाले किसानों की कृषि कानून के साथ ही बॉर्डर पर बैठे किसानों को लेकर क्या है राय! इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गन्ने की खेती करने वालें किसानों से की खास बातचीत की.
मोदीनगर के फफराना गांव निवासी किसान सरनबीर सिंह ने बताया कि जो किसान कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं. वह बिल्कुल सही विरोध कर रहे हैं. क्योंकि सरकार किसानों की मांग बिल्कुल भी नहीं सुन रही है. किसान सरनबीर का कहना है कि उनकी मजबूरी है कि वह दिल्ली के बॉर्डर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. क्योंकि उनके मील लेट चले हैं और उनको अभी गेहूं की फसल भी बोनी है. लेकिन वह जल्द ही अपनी फसल का काम खत्म कर दिल्ली की ओर कूच करेंगे.