नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के कौशाम्बी स्तिथ यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. असित खन्ना ने मौसम परिवर्तन (weather change in ghaziabad) और बारिश के बाद बढ़ती हुई ठंड में ह्रदय की सुरक्षा (heart protection in the cold) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ठंड के दिनों में ह्रदय रोगियों (heart disease patient in cold weather)को दिक्कत बढ़ जाती है, तापमान कम होने से खून की नालियां सिकुड़ जाती हैं. ह्रदय को रक्त पहुंचने वाली धमनियों में खून का संचार अवरोधित हो सकता है और हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचने की मात्रा कम हो जाती है. हृदय को शरीर में खून और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है. इसकी वजह से अन्य कारणों से हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है. मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या भी बढ़ जाती है. साथ ही हृदय गति रुकने से मौत होने के मामले भी बढ़ जाते हैं.
असित खन्ना ने बताया कि ठंड के दिनों में धूप निकलने के बाद ही ह्रदय रोगी (heart disease morning walk) टहलने निकलें. पर्याप्त ऊनी कपड़े के साथ अंदर वार्मर भी पहनें. जहां तक हो ऑइल हीटर का प्रयोग कर अपने घर को गर्म रखें. शारीरिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अल्कोहल, धूम्रपान, वसा युक्त भोजन से बचें. उसकी जगह संतुलित भोजन एवं ड्राई फ्रूट्स लें. घर में नियमित व्यायाम (regular exercise in morning) करें और अचानक से घर से बाहर न निकलें. अपने ब्लड प्रेशर को मॉनिटर (blood pressure monitor) करें और इसे बढ़ने न दें. अपनी दवाइयां समयानुसार लेते रहें और जांच नियमित रूप से कराते रहें. यदि कोई असुविधा महसूस हो तो तुरंत अपने ह्रदय रोग चिकित्सक से संपर्क करें.
डॉ. असित खन्ना ने कहा कि ह्रदय रोगियों को अपनी जेब में या एक आईडी कार्ड या बैंड बना कर अपने पास जरूर रखना चाहिए और यदि हृदयाघात (heart attack cases) के कोई भी लक्षण महसूस हों जैसे अगर छाती में दबाब, पसीना आना, दोनों बाजू में दर्द या बाएं हाथ में दर्द, पसीना आना, घबराहट होना ये हार्ट अटैक हो सकता हैं. आमतौर पर लोग इन लक्षणों को गैस समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. जबकि यह एक गंभीर समस्यां है, जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. सीने में दर्द, जलन व भारीपन हार्ट अटैक की निशानी है. इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.