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Guru Pradosh Vrat 2022: गुरु प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व - story of prodosh vrat

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 8 सितंबर (गुरुवार) को है. प्रदोष व्रत का नाम वार यानी सप्ताह के दिन के अनुसार होता है. प्रदोष व्रत इस बार गुरुवार को पड़ रहा है. इस वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2022) कहते हैं.

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Published : Sep 8, 2022, 7:56 AM IST

Updated : Sep 8, 2022, 12:53 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादःसाल के हर महीने में दो प्रदोष पड़ते हैं. पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 8 सितंबर (गुरुवार) को है. प्रदोष व्रत का नाम वार यानी सप्ताह के दिन के अनुसार होता है. प्रदोष व्रत इस बार गुरुवार को पड़ रहा है. इस वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2022) कहते हैं.

गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक भारतीय संस्कृति उत्सव की संस्कृति है. हर तिथि को कोई न कोई उत्सव होता है. प्रदोष व्रत भी महीने में दो बार आता है. प्रत्येक मास में दो त्रयोदशी होती हैं, जिनमें प्रदोष व्रत किया जाता हैं. प्रदोष का अर्थ है शाम का समय. जिस व्रत का परायण शाम के समय किया जाए, उसे प्रदोष कहते हैं. इस तिथि के स्वामी शिव हैं. इसलिए प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

आचार्य शिव कुमार शर्मा

आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक सबसे पहले प्रातःकाल उठकर स्नानादि से निवृत्त हो. अपने इष्ट देव का प्रणाम करें और व्रत का संकल्प लें. दिन में एक दो बार दूध चाय आदि ले सकते हैं. निराहार व्रत रहे तो अच्छा रहता है. शाम को सूर्यास्त होने से एक घंटा पहले किसी पटरी या चौकी पर भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति रखकर उनको धूप, दीप, चंदन ,पुष्प माला आदि से पूजा करें. ओम् नमः शिवाय का जाप अथवा महामृत्युंजय का जाप करें. सूर्यास्त के बाद का परायण करें, मीठा भोजन करें.

उन्होंने बताया अलग-अलग दिनों को पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अलग महत्व है.

० रवि प्रदोष: रविवार को त्रयोदशी तिथि पड़ती है तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं. इस व्रत के करने से यश, कीर्ति और आयु का लाभ होता है.

० सोम प्रदोष: सोमवार को प्रदोष होने से सोम प्रदोष कहते हैं. यह भगवान शिव का प्रिय दिन है. इसलिए भगवान शंकर की कृपा के लिए, उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए सोम प्रदोष का व्रत उत्तम रहता है.

० भौम प्रदोष: मंगलवार को प्रदोष होने से भौम प्रदोष कहलाता है. इसका व्रत करने से कर्ज से मुक्ति होती है. भूमि भवन का लाभ होता है और समाज में सम्मान मिलता है.

० बुध प्रदोष: बुधवार को प्रदोष होने से बुध प्रदोष कहलाता है. यह व्रत करने से नौकरी ,व्यापार ,कीर्ति और स्वास्थ्य लाभ होता है.

० गुरु प्रदोषः बृहस्पति वार को प्रदोष होने से गुरु प्रदोष व्रत होता है इसमें व्रत करने से आध्यात्मिक उन्नति ,गुरु और ईश्वर कृपा मिलती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है.

० शुक्र प्रदोष: शुक्रवार को प्रदोष होने से शुक्र प्रदोष कहलाता है इसे करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है. परिवार के सदस्यों में संबंधों का लाभ होता है. और घर की महिला सदस्य स्वस्थ व प्रसन्न रहती है.

० शनि प्रदोष: शनिवार को प्रदोष होने से शनि प्रदोष होता है. इसका व्रत करने से कार्य में सफलता और समाज के महत्वपूर्ण लोगों का सहयोग मिलता है.

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इस प्रकार समस्त प्रदोष व्रत करने से करने से समाज में प्रतिष्ठा, धन की प्राप्ति मन की शांति मिलती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक आख्यान है. एक बार चंद्रमा को तपेदिक रोग हो गया रोग असाध्य था उनको मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा था. उन्होंने भगवान शिव की आराधना की. भगवान शिव ने उनको संजीवनी मंत्र से स्वस्थ किया. उस दिन सोमवार व त्रयोदशी तिथि थी. इसलिए प्रदोष व्रत को मुख्य रूप से स्वास्थ्य व संपत्ति के लिए शुभ मानते हैं आरोग्य की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

भाद्रपद गुरु प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्तः

० त्रयोदशी तिथि आरंभ: 8 सितंबर, गुरुवार, 12:04 AM

० त्रयोदशी तिथि समाप्त: 9 सितंबर, शुक्रवार, 09:02 मिनट

० पूजा का शुभ मुहूर्त: 8 सितंबर, गुरुवार, सायं 06:40 मिनट से रात्रि 08:58 मिनट तक

० पूजा का कुल समय: 2 घंटे 18 मिनट

प्रदोष के दिन करें इस मंत्र का जाप- घर की सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गुरु प्रदोष के दिन इस नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें.

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत: क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ETV Bharat किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Last Updated : Sep 8, 2022, 12:53 PM IST

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