नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के लंबे संघर्ष में क्रांतिकारियों ने अहम भूमिका निभाई थी. देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने सब कुछ न्योछावर कर दिया था. आज आपको एक ऐसी वीरांगना का किस्सा सुनाएंगे, जिन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी.
महान क्रांतिकारी दुर्गा देवी का जन्म इलाहाबाद के शहजादपुर में 7 अक्टूबर 1907 को हुआ था. उन्होंने जीवन के आखिरी पलों में गाजियाबाद में निवास किया और उनका 15 अक्टूबर 1999 को देहांत हुआ. 10 वर्ष की आयु में दुर्गा भाभी का विवाह भगवती चरण वोरा के साथ हुआ था.
भाजपा नेता और पार्षद राजीव शर्मा ने बताया कि दुर्गा भाभी एक बड़ी क्रांतिकारी थीं और उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी. स्वतंत्रता आंदोलन में दुर्गा भाभी भगत, सिंह राजगुरु और सुखदेव की सहयोगी रही. उन्होंने जीवन के अंतिम पल गाजियाबाद में बिताए. उन्होंने गाजियाबाद को बहुत कुछ देने का काम किया. गाजियाबाद के कन्या वेदिक स्कूल में लड़कियों को शिक्षा देने का भी काम किया.
राजीव शर्मा बताते हैं कि दुर्गा भाभी के जीवन के अंतिम दिनों में जानकारी मिली कि वह गाजियाबाद में निवास कर रही हैं. दुर्गा भाभी के देहांत के बाद गाजियाबाद में मांग उठी थी कि उनके नाम पर जिले में स्मारक आदि होना चाहिए. इसके बाद गाजियाबाद की नवयुग मार्केट में दुर्गा भाभी चौक की स्थापना कर प्रतिमा लगवाई गई.