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सरकार हमसे बात करे, हम बातचीत को तैयार हैं: राकेश टिकैत

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Published : Feb 13, 2021, 9:23 PM IST

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेताओं ने प्रेसवार्ता की. जिसमें किसान नेताओं ने कई जानकारियां देते हुए सरकार से बातचीत की बात कही.

Government should talk to us, we are ready to talk: Rakesh Tikait
सरकार हमसे बात करे, हम बातचीत को तैयार हैं: राकेश टिकैत

नई दिल्ली/गाजियाबाद:संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेता दर्शनपाल सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल और भारती‌य किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त प्रेसवार्ता की.

किसान नेताओं ने की प्रेसवार्ता

मशाल जुलूस और कैंडल मार्च का होगा आयोजन

प्रेसवार्ता के दौरान संयुक्त मोर्चा की ओर से जारी किए गए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए दर्शनपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के टोल प्लाजा भी फ्री कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आठ जगह मोर्चे लगे हुए हैं. आंदोलन को 80 से ज्यादा दिन हो गए हैं. करीब सवा सौ किसान नेता जेल में हैं और 27 लोग गुम हैं. 14 फरवरी को पुलवामा में सरकार की गलतियों से शहीद हुए जवानों और आंदोलन के दौरान शहीद हुए 230 किसानों को श्रद्घांजलि देने के लिए पूरे देश में मशाल जुलूस और कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा. शाम को सात बजे से आठ बजे तक यह आयोजन होगा.

उन्होंने बताया 16 फरवरी को पूरे देश में सर छोटूराम की जयंती पर जगह-जगह सभाएं कर उनके किसानों को दिए गए योगदान को याद किया जाएगा, वो हरियाणा से थे. उन्होंने किसानों के लिए बड़ा काम किया. मीटिंगों का आयोजन जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक किया जाएगा. 18 फरवरी को दोहपर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल का चक्का जाम किया जाएगा. दिल्ली के इर्द-गिर्द बड़ी-बड़ी पंचायतें हो रही हैं. किसान पंचायतों के जरिए हम सरकार पर दवाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं ‌ताकि सरकार हमारी मांगें माने और हम अपने बच्चों के पास जा सकें, बच्चे मां-बाप के पास जा सकें.

'संसद में किसानों को दी गई डिप्लोमेटिक गालियां'

दर्शनपाल सिंह ने कहा कि पूरे देश का किसान आंदोलन में शामिल है. उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट हुई चर्चा का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार हमारी परेशानी समझे.

प्रेसवार्ता में बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में किसानों को डिप्लोमेटिक गालियां दी हैं. उन्होंने किसानों को परजीवी कहते हुए पूरी किसान बिरादरी को गहरा आघात पहुंचाया है. प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य से देश के किसानों को ऐसे घाव दिए हैं जो कई आने वाली पुस्तों को याद रखने होंगे. राजेवाल ने कहा कि इस सरकार ने किसानों को डिप्लोमेटिक गालियां दी हैं, हम उनको नकार कर डिप्लोमेटिक सजा दें.

'नवरीत सिंह की मौत पुलिस की गोली से हुई'

किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इन कानूनों से खेती का पूरा कारोबार पूंजीपतियों के पास जाएगा. किसान को तो नुकसान होगा ही, गरीब को दो जून की रोटी मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी. पूंजीपति किसानों से कम कीमत पर अनाज खरीदकर अपने गोदामों में भर लेंगे और डिमांड बढने पर अपने दामों में बेचेंगे. इससे गरीब को दो वक्त रोटी भी मिलनी मुश्किल हो जाएगी. इसलिए यह लड़ाई मजदूर की भी लड़ाई है. वर्ल्ड मार्केट के ऊपर किसानों की फसलों का भाव होगा. अभी अनाज लेने की तैयारी की है. इससे होने वाले काले कारोबार से भुखमरी की स्थिति बनेगी.

आंदोलन में समय देने से करोड़ो लोगो को भुखमरी से बचाया जा सकता है. यह धर्मयुद्ध है सत्ता धारी पार्टी के लोग गुंडों को भेज रहे हैं. अगर यह वोट मांगने आएं तो इनका वही हाल करना जो इन्होंने हमारा किया. चढूनी ने कहा कि नवरीत सिंह की मौत पुलिस की गोली से हुई है. इसकी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान बिना मांगें पूरी हुए दिल्ली की सीमाओं से जाने वाले नहीं हैं.

महाराजा सूरजमल की जयंती मनाई गई

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के मंच पर महाराजा सूरजमल की जयंती मनाई गई. हम अपने देश के महापुरूषों को याद करके उनसे आंदोलन के लिए ऊर्जा लेते रहेंगे. टिकैत ने कहा कि जैसे गाजीपुर बार्डर पर पूरे देश से जल आया है, ऐसे ही तेल आएगा. गर्मी बढने पर हमें यहां बड़े जेनरेटर लगाने पढ़ेंगे और उनमें डालने के लिए तेल पूरे देश से पहुंचेगा. आंदोलन स्थल ही ह‌मारे घर हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार हमें बिजली के कनेक्शन दे. नहीं तो हमें मजबूरी में यहां जेनरेटर लगवाने पड़ेंगे. आंदोलन कब तक चलेगा, इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों की राह में जो कीलें गाढ़ी हैं, उन्हें काढ के जावंगे. हम दिल्ली के मेहमान है. आएंगे, जाएंगे और खेती का काम भी होगा.

टिकैत ने कहा कि हम पूरे देश में किसान पंचायतें कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे, जब तक सरकार नहीं मानेगी. सरकार हमसे बात करे. हम बातचीत को तैयार हैं, लेकिन चैनल वहीं रहेगा, सिंघु बार्डर सरकार बात करे. आंदोलनकारियों के मोर्चों पर संख्या कम नही है.

टिकैत ने किसानों से आव्हान किया कि अपने ट्रैक्टर-ट्राली मजबूत रखना आंदोलन होता रहेगा. एक नजर आंदोलन पर और एक नजर अपने खेत पर रखो. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक बड़ी पंचायत मुजफ्फरनगर में करेंगे. उसमें खाप पंचायतों की ओर से पूरी व्यवस्था होगी.

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