नई दिल्ली: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी गाजियाबाद ने 'ए वे ऑफ लाइफ संस्था' के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के 2 गांव को आदर्श खेलगांव बनाने का इनीशिएटिव लिया है. इसके तहत गांव में खेल संबंधी शिक्षा और जागरूकता के साथ-साथ उपकरण आदि मुहैया कराए जाएंगे. दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में कई सम्मानित लोगों ने आज इसे लॉन्च किया.
UP के 2 गांव बनेंगे आदर्श खेलगांव
मुजफ्फरनगर और हापुड़ के हैं 2 गांव
आईएमटी गाजियाबाद के स्पोर्ट्स रिसर्च सेंटर के हेड डॉ कनिष्क पांडे ने बताया कि मुजफ्फरनगर शहर से करीब 9 किलोमीटर दूर गांव बहादरपुर को देश का पहला आदर्श खेल गांव बनाने के लिए चुना गया है. इसी के साथ हापुड़ के एक गांव को विकसित किया जाएगा.
आदर्श खेलगांव की खासियत
- अभिभावकों को और बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
- सभी घरों के बच्चों को खेल प्रवेशिका और नो(know) स्पोर्ट्स जैसी किताबें और खेल कैलेंडर पहुंचाए जाएंगे.
- हर घर के बरामदे और आंगन को प्राथमिक खेल प्रांगण के तौर पर विकसित किया जाएगा.
- घरों में ओलंपिक से जुड़े खेलों के उपकरण दिए जाएंगे.
- चौपालों पर खेलों की चर्चा एक अनिवार्य एजेंडा होगा.
- खेल पत्रिका, अखबारों और टीवी की उपलब्धता होगी.
- शाम 4:00 बजे से 5:00 बजे तक घर के टीवी, मोबाइल और किताबें बंद रखी जाएंगी. उस समय जो जहां भी होगा वह वहां पर खेलेगा.
पांडे ने कहा कि इससे अलग यहां गांव में रहने वाले युवाओं को तमाम तरीके की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी जिनसे वह ओलंपिक खेलों के लिए उत्साहित हो और खुद को स्वस्थ रखते हुए देश का नाम रोशन करने की कोशिश करें. खेलगांव विकसित करने का एकमात्र मकसद लोगों को स्वस्थ रखते हुए देश में खेलों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि और देशों की तुलना में भारत खेल के मामले में पिछड़ रहा है ऐसे में जरूरत है कि देश के युवा आगे आएं और इसमें हिस्सा लें.