नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में पत्रकार को गोली मारे जाने के ईटीवी भारत ने एक बड़ी पड़ताल की. इस पड़ताल से साफ हुआ है कि इस मामले में पुलिस की घोर लापरवाही रही है. यही नहीं मामले में मानवता भी शर्मसार हुई है. पापा की मासूम लाडलियों की हिम्मत से पत्रकार अस्पताल पहुंच पाए.
पत्रकार हमला: चिल्लाती रही मासूम, बचाने नहीं आया कोई! आधा किलोमीटर दूर से लाई मदद - Attack on journalist
गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में पत्रकार बेटियों के सामने पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला किया गया. लेकिन कोई मदद के लिए सामने नहीं आया. हालांकि इस दौरान पत्रकार की बेटियों ने हिम्मत दिखाई जिसकी वजह से उनको अस्पताल ले जाया गया.
आपको पूरा मामला सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं. जिस समय पत्रकार को गोली मारी गई, उस समय वो अपनी बहन के घर से लौट रहे थे. उनकी बहन के घर में बच्ची का बर्थडे मनाया गया था. इसलिए पत्रकार की दोनों बेटियां भी उनके साथ लौट ही थी. पत्रकार की बहन के घर से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर यह वारदात हुई. हैरत की बात ये है कि जब बदमाशों ने मारपीट के बाद पत्रकार को गोली मार दी, उसके बाद भी काफी देर तक पुलिस नहीं आई. दोनों बच्चियां रोड पर चिल्लाती रहीं. लेकिन कोई भी मदद के लिए भी सामने नहीं आया. बताया जा रहा है कि लोगों ने अपने घरों से इस वारदात के बाद का नजारा भी देखा, और बच्चियों को चिल्लाते देखा. मगर कोई नहीं आया. इसलिए बच्चियां वापस आधा किलोमीटर दूर तक अपनी बुआ के घर गईं, और वहां से मदद लेकर आई. तब तक पत्रकार का काफी खून बह चुका था.
पत्रकार की हालत गंभीर
बहुत ज्यादा खून बह जाने की वजह से पत्रकार की हालत काफी ज्यादा गंभीर बनी हुई है. परिवार को अनहोनी का डर लगातार सता रहा है. वक्त रहते अगर मदद मिल गई होती तो शायद पत्रकार की हालत में थोड़ा बहुत सुधार हो सकता था. लेकिन स्थानीय लोग और पुलिस दूर दूर तक नजर नहीं आए. दो मासूम बच्चियों की हिम्मत की वजह से पत्रकार अस्पताल तो पहुंच गए, लेकिन दुआ यही हो रही है कि मासूमों की यह हिम्मत उनके पापा को नई जिंदगी दे दे.