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किसान आंदोलन को और मजबूत बनाने की तैयारी, गांव-गांव जाकर बताएंगे देश का हाल: टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने पूछा कि हरियाणा से यूपी पहुंचते-पहुंचते बिजली इतनी महंगी क्यों हो जाती है. उन्होंने कहा कि भाकियू पदाधिकारी गांव-गांव जाकर देश का हाल बताएंगे.

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राकेश टिकैत

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Published : Jul 8, 2021, 7:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को और व्यापक करने का निर्णय लिया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा भारतीय किसान यूनियन गाजीपुर बॉर्डर के साथ ही पूरे प्रदेश में राज्य सरकार से संबंधित मुद्दों पर आंदोलन तेज करेगी. इसके लिए 11 जुलाई से मंडलवार बैठक कर तैयारी की जाएगी. सूबे के 18 मंडल में बैठक करने के बाद भाकियू एक अगस्त से सूबे में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी. भाकियू पदाधिकारी गांव-गांव जाएंगे और किसानों को प्रदेश और देश का हाल बताने के साथ ही तीन काले कृषि कानूनों के बारे में बताएंगे और तमाम मुद्दों पर सरकार के रूख भी किसानों के सामने रखेंगे.


टिकैत ने कहा इसके साथ ही गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान और बिजली के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे. किसानों को बताएंगे कि हरियाणा में एक किलोवाट बिजली का रेट केवल 35 रूपये है और यूपी में आकर वही एक किलोवाट बिजली का रेट किसान के लिए कैसे 175 रुपये हो जाता है. यह बातें गुरूवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन स्थल पर एक प्रेसवार्ता के दौरान कहीं.

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राकेश टिकैत ने कहा कि गेहूं की खरीद नहीं हुई. 1975 रुपये एमएसपी होने के बाद कैसे किसानों ने 1400 रुपये के रेट में सरकार केंद्रों पर ही गेंहू लूट ली गई, सबको पता है. अब चावल की फसल आएगी तो उसका भी यही हाल होगा, इसीलिए किसान एमएसपी पर कानून की मांग कर रहा है लेकिन गूंगी बहरी सरकार को कुछ सुनाई नहीं देता. यूपी में किसान को देश में सबसे महंगी बिजली दी जा रही है.

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भाकियू राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि यूपी में किसान पर बिजली की दोहरी मार पड़ी है. पहले तो सरकार ने खुद ही किलोवाट बढ़ा दिए और फिर किलोवाट का रेट बढ़ा दिया. हम गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे. उन्हें काले कृषि कानूनों के बारे में भी बताएंगे और बिजली के रेट वापस लेने व बकाया गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान के लिए सरकार को बाध्य कर देंगे. उन्होंने बताया कि यूपी में जहां गन्ना किसानों का अभी भी साढ़े आठ हजार करोड़ रुपया बकाया वहीं पूरे देश में गन्ना ‌किसानों का साढ़े 21 हजार करोड़ रुपया बकाया है.

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युद्धवीर सिंह ने कहा कि यूपी में राज्य सरकार से संबंधित मुद्दों की लड़ाई भाकियू की कॉल पर लड़ी जाएगी, लेकिन इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आने वाली कॉल पर भी पूरे जोर शोर से अमल किया जाएगा. बार्डर पर चल रहे आंदोलन को भी हम कमजोर नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के व्यवहार को देखते हुए यह तो साफ है कि बार्डर पर आंदोलन लंबा चलेगा. हम तीन कानूनों की वापसी तक इसे पूरी मजबूती से चलाते रहेंगे. प्रदेश सरकार किसानों का ख्याल रखने का ढिंढोरा पीटते नहीं थकती लेकिन स्थिति एकदम इसके उलट है. यूपी में किसान का बुरा हाल है. एक अगस्त से पूरे प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा करके हम सरकार का असली चेहरा सामने लाने का प्रयास करेंगे.


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भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा सूबे में आंदोलन के दौरान कोरोना में मारे गए किसानों को मुआवजा देने की भी मांग की जाएगी. सरकार किसानों को कृषि दुर्घटना बीमा योजना में कवर करे. इसके साथ ही भाकियू किसानों की बिजली के घंटे 18 से घटाकर 12 करने के मुद्दे को भी जोर से उठाएगी.

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भाकियू प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि बार्डर के अलावा प्रदेश में किसानों के साथ तमाम समस्याएं हैं. हर क्षेत्र के किसान की अलग समस्या है. वेस्ट यूपी के किसान का गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान का मुद्दा है तो दूसरे क्षेत्रों में कही आलू किसान का मुद्दा है, कहीं दलहन किसान का. भारतीय किसान पूरे सूबे के किसानों को हक को लेकर फिक्रमंद हैं और सभी किसानों की लड़ाई पूरे जोर के साथ लड़ेगी. मंडल स्थल पर बैठकों के बाद हम जिला स्तर, तहसील स्तर, ब्लॉक स्तर और गांव स्तर तक जाएंगे.

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