नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. बात दिल्ली से सटे गाजियाबाद की करें, तो आज गाजियाबाद भी गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है. हवा में प्रदूषण के साथ-साथ धुंध भी घुलना शुरू हो गई है. गाजियाबाद में प्रदूषण रोज एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
गाजियाबाद: प्रदूषण के चलते सांस लेना दूभर, लोनी का AQI पहुंचा 466
दिल्ली से सटे गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता गुरुवार को गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 440 रहा, जो 'गंभीर श्रेणी' आता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 440 रहा, जो 'गंभीर श्रेणी' में आता है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद है.
एक नजर एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर:
गुरुग्राम: 298
फरीदाबाद: 339
नोएडा ग्रेटर: 393
नोएडा: 414
दिल्ली: 409
गाजियाबाद: 440
गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 466 दर्ज किया गया है, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में है.
गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर एक नजर:
इंदिरापुरम, गाजियाबाद: 442
वसुंधरा, गाजियाबाद: 435
संजय नगर, गाजियाबाद: 415
लोनी, गाजियाबाद: 466
जिला प्रशासन हवा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए तमाम कदम उठाने के दावे कर रहा है, लेकिन हवा लगातार प्रदूषित हो रही है. जिससे विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा होने से लोगों को आंखों में जलन महसूस हो रही है.
बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है. तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. वहीं 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.