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गाजियाबाद पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल, रिक्शेवाले का काटा चालान फिर की मदद

पुलिसकर्मी फर्ज के बंधन से भी बंधे होते हैं, इसलिए उन्होंने अपना फर्ज अदा करते हुए कानूनी कार्रवाई की. लेकिन फिर इंसानियत का फर्ज अदा करते हुए 200 रुपये देने के बाद यह कहा कि रोटी खा लेना

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Published : May 17, 2020, 1:35 PM IST

Ghaziabad police help rickshaw man after challan
गाजियाबाद पुलिस ने चालान के बाद रिक्शा वाले की मदद की

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के मोहन नगर में पुलिस ने खाकी वर्दी के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज अदा किया. मोहन नगर पर एक रिक्शा चालक कुछ मजदूरों को रिक्शा में लेकर जा रहा था. पुलिस ने रोककर उसका चालान कर दिया. इसके बाद रिक्शावाला पुलिस के सामने हाथ जोड़ कर रोने लगा.

गाजियाबाद पुलिस ने चालान के बाद रिक्शा वाले की मदद की

उसने कहा कि अगर रिक्शा नहीं चलाऊंगा तो बच्चों को कैसे पालूंगा. पुलिस ने एक तरफ जहां वर्दी का फर्ज अदा कर दिया था, तो फिर इंसानियत का फर्ज भी अदा करने से पीछे नहीं हटी. पुलिस ने इस रिक्शा वाले की आपबीती सुनकर उसे 200 रुपये नकद दिए. जिसके बाद रिक्शावाला मौके से चला गया.


खा लेना रोटी

पुलिसकर्मी फर्ज के बंधन से भी बंधे हुए हैं, इसलिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई की. लेकिन फिर इंसानियत का फर्ज अदा करते हुए 200 रुपये देने के बाद यह कहा कि रोटी खा लेना, तुम्हारा बहुत नुकसान हो चुका है. यह तस्वीर दर्शाती है कि किस तरह से पुलिसकर्मी धूप में अपनी ड्यूटी भी निभा रहे हैं और मानवता की मिसाल भी पेश कर रहे हैं. रिक्शावाला रुपए लेने से मना करता रहा, लेकिन फिर भी पुलिसकर्मी से रोते हुए रिक्शा चालक का दर्द सहन नहीं हुआ. क्योंकि रिक्शा चालक ने अपने बच्चों के बारे में जो बताया वह दिल को पसीज कर रख देने वाला था. घर पर रिक्शा वाले के बच्चे भी भूखे थे.

कानून का पालन जरूरी

नियम यही है कि किसी भी मजदूर को अधिकृत बसों के अलावा रोड पर किसी अन्य वाहन से नहीं जाने दिया जाए, फिर चाहे रिक्शा, टेंपो, कैंटर आदि ही क्यों ना हो. इसलिए ऐसे चालकों पर कार्रवाई करना, कानून का पालन कराने का हिस्सा है. यह सब मजदूरों की भलाई के लिए ही किया जा रहा है, जिससे वह किसी हादसे का शिकार ना हो.

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