नई दिल्ली/गाजियाबादः अंडा व्यापारियों के लिए दहशत बन चुका बदमाश आखिरकार पुलिस की गोली से घायल होने के बाद पकड़ा गया है. 25 हजार रुपये का ये इनामी बदमाश सेंट्रो कार से गाजियाबाद में बड़ी वारदात को अंजाम देने आया था. लेकिन उससे पहले ही उसका पुलिस से सामना हो गया. पुलिस ने जब उसे चेकिंग के लिए रोका तो उसने पुलिस पर ही गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी उस पर गोली चलाई, जिसमें वो घायल हो गया और गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल उससे पूछताछ जारी है.
बताया जाता है कि एक बार फिर अंडा व्यापारियों को लूटने का प्लान बना कर बदमाश गाजियाबाद आया था. पूरा मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके का है. जहां पर सेंट्रो कार में जा रहे व्यक्ति को पुलिस ने इशारा करके रोकने की कोशिश की. लेकिन वह लोनी के निठौरा रोड की तरफ भागने लगा. इसके बाद उसने गाड़ी को सुनसान इलाके में मोड़ दिया. पुलिस ने पीछा किया तो उसने सेंट्रो गाड़ी में से पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस के मुताबिक जवाबी फायर किया गया. जिसमें बदमाश घायल हो गया.
एनकाउंटर में पकड़ा गया बदमाश बदमाश के घायल होने के पुलिस ने उसे गाड़ी और तमंचा समेत गिरफ्तार लिया गया. पकड़े गए बदमाश का नाम रवि कुमार है. रवि दिल्ली का ही रहने वाला है, वो सेंट्रो गाड़ी से गाजियाबाद में वारदात अंजाम देने आया था. पुलिस ये पता लगा रही है कि उसके और कितने साथी यहां पर छुपे हुए हैं. रवि पर कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उस पर 25000 का इनाम भी घोषित था.
वहीं, पुलिस के सामने बदमाश रवि ने खुलासा किया है कि उसने गाजियाबाद के लोनी में पूर्व में हुई अंडा व्यापारी के साथ लूटपाट की वारदात अंजाम दिया था. पुलिस को शक है कि एक अन्य अंडा व्यापारी से भी लूटपाट की प्लानिंग थी. लेकिन उससे पहले ही आरोपी पकड़ा गया. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी के कौन साथी हैं, जो अंडा व्यापारियों के बारे में बदमाशों को जानकारी देते हैं. दिल्ली से गाजियाबाद आकर यह बदमाश लूटपाट की वारदात अंजाम देते हैं और फिर फरार हो जाते हैं.
इस मामले में लोनी सीओ रजनिश कुमार ने कहा कि लोकल सपोर्ट के बगैर दिल्ली से गाजियाबाद आकर लूटपाट करना मुमकिन नहीं है. इसलिए लोकल स्तर पर जो बदमाश एक्टिव हैं, उनकी तलाश भी पुलिस कर रही है. बदमाश के पकड़े जाने के बाद अंडा व्यापारियों में दहशत कम होगी. जानकारी के मुताबिक अंडा व्यापारी सुबह के समय अंडे की सप्लाई पहुंचाते हैं और उसके बाद कलेक्शन के रुपए लेकर वापस जाते हैं. इसी समय उनको टारगेट किए जाने का प्लान होता है.