नई दिल्ली/गाजियाबादः सेना के जवान अमरीश त्यागी का शव 16 साल बाद पैतृक गांव पहुंचा है. 16 साल बाद इस जांबाज देशभक्त सिपाही का आज अंतिम संस्कार होगा. मामले के बारे में जिसको भी जानकारी मिल रही है, वह गांव में पहुंच रहा है. अमरीश त्यागी ने साल 2005 में सियाचिन की पहाड़ी पर तिरंगा झंडा फहरा कर सबका का नाम गर्व से ऊंचा किया था, मगर वापस लौटते समय उत्तराखंड की पहाड़ियों से गिरकर उनकी शहादत हो गई थी.
3 दिन पहले मुरादनगर में रहने वाले परिवार के पास सूचना आई थी कि 16 साल बाद अमरीश त्यागी का पार्थिव शरीर उत्तराखंड की खाई में से बरामद किया गया है. आज सेना के अधिकारी शव को लेकर मुरादनगर में अमरीश त्यागी के पैतृक गांव पहुंचे हैं.
अमरीश त्यागी की शव यात्रा मुरादनगर स्थित हिसाली गांव में पहुंच चुकी है. इसके लिए गांववासी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. आसपास के गांव के निवासी भी गांव में पहुंच रहे हैं. फूलों से अमरीश त्यागी को श्रद्धांजलि दी जा रही है. सबकी आंखें नम है. 16 साल बाद एक बार फिर से जख्म ताज़ा हो गया है. हालांकि, परिवार और गांववालों को तो यह तक नहीं पता था कि वह जिंदा भी हैं या नहीं. 16 साल पहले परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था. हर रोज अमरीश त्यागी की याद सताती थी. यह जानने की उत्सुकता रहती थी कि अमरीश के साथ क्या हुआ होगा. अमरीश के साथ गए उनके तीन साथियों के शव तभी बरामद हो गए थे.