नई दिल्ली/गाजियाबाद: पेट की आग बहुत बड़ी होती है और उसे बुझाने के लिए इंसान छोटे या बड़े काम को नहीं देखता है. गाजियाबाद से ही ऐसा उदाहरण सामने आया है. जहां पर चश्मे की दुकान चलाने वाले शहाबुद्दीन ने पेट भरने के लिए सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. शाहबुद्दीन का कहना है कि संकट गहराने पर लॉकडाउन के दौरान सब्जी की दुकान खोल दी. उनका कहना है कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता. सबसे बड़ी होती है पेट की आग, जिसे बुझाना सबसे ज्यादा जरूरी है.
साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में शाहबुद्दीन की दुकान काफी पुरानी है. यहां से लोग चश्मा लेकर जाया करते थे. दुकान में 2 कर्मचारी भी काम करते हैं, लेकिन वो फिलहाल नहीं आ रहे हैं. लॉकडाउन को हुए जब कई दिन बीत गए, तो शाहबुद्दीन को लगा कि दुकान का खर्च कैसे निकलेगा. ऐसे में शाहबुद्दीन ने सब्जी की दुकान खोल ली. शाहबुद्दीन का कहना है कि इससे वो समाज की सेवा भी कर पा रहे हैं और गुजारा भी चल पा रहा है. दुकान के दो कर्मचारी भी अलग-अलग दिनों में दुकान पर बैठते हैं. जिससे उनके घर की रोजी-रोटी भी चल पा रही है.