नई दिल्ली/गाजियाबाद:अतुल गर्ग चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री हैं. उनकी अध्यक्षता में शुक्रवार को डीएम ऑफिस में हुई बैठक में 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' की समीक्षा की गई.
गाजियाबाद में स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक अस्पतालों के कामकाज पर हुई चर्चा
इस बैठक में निजी अस्पतालों की समीक्षा की गई कि अस्पतालों ने योजना के तहत ठीक से इलाज किया कि नहीं. लाभार्थियों को क्यों वापस भेजा गया. बैठक में पूरे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और प्रबंधकों के साथ विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों से आए हुए प्रतिनिधि शामिल हुए. स्वस्थ मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उन प्रतिनिधियों की शिकायतों, सुझाव और उनके समाधान पर बिंदुवार चर्चा की.
इस दौरान राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने बताया कि इस योजना में जिला गाजियाबाद से 31 सरकारी और प्राइवेट अस्पताल लाभार्थियों को लाभ पहुंचा रहे हैं. इनमें 7 सरकारी अस्पताल और 24 प्राइवेट अस्पताल हैं.
'जल्द ही किया जाएगा समाधान'
प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने राज्यमंत्री को पूरी जानिकारी दी. उन्होंने कहा कि 'आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड' पर नाम की स्पेलिंग, लाभार्थी के पते या दूसरी ऐसी कोई समस्याएं होती हैं. इसके कारण प्राइवेट हॉस्पिटलों के भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं. इस पर राज्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इन समस्याओं का जल्द ही समाधान करवा दिया जाएगा.
'लोगों तक पहुंचाई जाए जानकारी'
स्वास्थ मंत्री ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' के तहत पंजीकृत होने की जानकारी अस्पतालों के बाहर चस्पा की जाए. इसके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर की व्यवस्था ठीक तरह से अस्पतालों के अंदर और बाहर की जाए. उन्होंने निर्देशित किया कि सभी संबंधित अस्पताल 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत आने वाले लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाएं.