नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र में मोदी सरकार बनते ही किसानों को बड़ा तोहफा मिला है. जिसके तहत 60 साल की उम्र में किसानों को 3 हजार प्रति माह पेंशन मिलेगी. इसके अलावा किसान सम्मान योजना के तहत उन्हें सालाना 6 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद में किसानों से बात की, जिसमें किसानों की मिलीजुली राय सामने आई है.
किसान इस योजना से खुश
इस मुद्दे पर जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी इलाके के गांव में किसानों से बात की गई तो पता चला कि ज्यादातर किसान मोदी सरकार की तरफ से दिए गए इस तोहफे को सकारात्मक तौर पर ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि 5 साल पहले इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन तब कुछ सीमाएं थी, जिन्हें अब हटा दिया गया है.
MSP को लेकर किसान नाराज
हालांकि कुछ किसानों में नाराजगी भी नजर आई, खास तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसान नाराज नजर आए. इसके अलावा किसानों ने कहा कि किसान पेंशन देने के वादे तो कर रही है, लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं जिनमें बिजली की आपूर्ती तक सही से नहीं हो पाती.
सरकार की 'किसान पेंशन और सम्मान योजना' पर किसानों की राय बिजली की समस्या
उधर, गाजियाबाद के इकला गांव के किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों को तोहफा देने का दावा कर रही है, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. सबसे बड़ी असुविधा यह है कि किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है. हालांकि किसानों ने कुल मिलाकर किसान पेंशन योजना और किसान सम्मान योजना का स्वागत किया है.
बता दें कि किसान पेंशन योजना के तहत 18 से 40 साल तक की उम्र के किसान को 55 रुपये हर महीने जमा करने होंगे और उतना ही अंशदान सरकार देगी. 60 वर्ष के बाद 3000 पेंशन किसान या उसके उत्तराधिकारी को दी जाएगी.