नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एऩजीटी) ने ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने के उसके आदेश का पालन नहीं होने पर गाजियाबाद के निगमायुक्त और गाजियाबाद नगर निगम के कार्यपालक अधिकारी पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने नगर निगम को ग्रीन बेल्ट से 30 दिनों के अंदर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.
दिसंबर 2019 में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था
दरअसल 11 दिसंबर 2019 को एनजीटी ने गाजियाबाद के ग्रीन बेल्ट से 30 दिनों के अंदर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. एनजीटी ने गाजियाबाद के कलेक्टर को आदेश दिया कि अगर दोनों अधिकारी एक सप्ताह में जुर्माने की रकम नहीं जमा करते तो जुर्माने की ये रकम दोनों अधिकारियों से निजी तौर पर राजस्व वसूली की तरह व्यक्तिगत रुप से वसूला जाए.
गाजियाबाद: अतिक्रमण नहीं हटाने पर निगमायुक्त पर लगा 10 हजार रुपये का जुर्माना
एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त और कार्यपालन अभियंता को 4 मार्च को पेश होने का आदेश दिया. एनजीटी ने कहा कि निगमायुक्त ने हमें समझाने की कोशिश की है कि उन्होंने ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने की कोशिश की है लेकिन हकीकत ये है कि अतिक्रमण पूरी तरह से हटा नहीं है.
4 मार्च को पेश होने का आदेश
एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त और कार्यपालन अभियंता को 4 मार्च को पेश होने का आदेश दिया. एनजीटी ने कहा कि निगमायुक्त ने हमें समझाने की कोशिश की है कि उन्होंने ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने की कोशिश की है लेकिन हकीकत ये है कि अतिक्रमण पूरी तरह से हटा नहीं है.
होटल रेडिसन ब्लू के खिलाफ शिकायत
याचिका वकील शारीक अब्बास जैदी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि एनजीटी के आदेश के बावजूद गाजियाबाद नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण नहीं हटाया. याचिका में नगर निगम की ओर से कचरे की बेधड़क डंपिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि गाजियाबाद के कौशांबी में होटल रेडिसन ब्लू ने पूरे ग्रीन बेल्ट को नष्ट कर दिया है. होटल से लगे रोड को पार्किंग जरूरतों की बजाय पार्टी लॉन में तब्दील कर दिया गया है.