दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

42 साल बाद घामडौज गांव को मिला इंसाफ, वापस मिली 26 एकड़ जमीन

सोहना के घामडौज गांव को 42 साल तक अदालती लड़ाई के बाद आखिरकार गांव की जमीन वापस मिल ही गई. घामडौज गांव की 26 एकड़ जमीन साल 1976 में एक ट्रस्ट को आंखों का अस्पताल चलाने के लिए दी गई थी. लेकिन ट्रस्ट संचालक ने इस जमीन कब्जा कर लिया था. जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने इंसाफ के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी जमीन वापस ले ली.

ghamroj village of sohna got justice after 42 years in 26 acre land dispute
42 साल बाद घामडौज गांव को मिला इंसाफ

By

Published : Jan 5, 2020, 3:15 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्रामःसोहना के घामडौज गांव को 42 साल तक अदालती लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार गांव की जमीन वापस मिल गई है. गांव ने ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट में केस किया हुआ था, जिस पर पिछले 42 साल से सुनवाई हो रही थी. शनिवार को कोर्ट ने तमाम दलील सुनने के बाद गांव के पक्ष में ये फैसला सुनाया और गांव को साढ़े 26 एकड़ जमीन वापस मिल गई है. वहीं अपनी जमीन वापस पाकर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.

42 साल बाद घामडौज गांव को मिला इंसाफ

'जिस मकसद से जमीन दी थी वो ही पूरा नहीं हुआ'
ग्रामीणों के मुताबिक घामडौज की ये जमीन सन् 1976 में गांव की पूर्व पंचायत ने एक ट्रस्ट को आंखों का अस्पताल चलाने के लिए दी थी. लेकिन ट्रस्ट के संचालक ने इस जमीन को कुछ सालों पहले ही अपने नाम करा लिया था. जिसके बाद से पूरा गांव इस बात से रोष में था और इसी को लेकर गांव के मौजिज लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद कोर्ट में लंबे समय से ये केस चल रहा था.

42 साल की लड़ाई के बाद मिली जीत
घामडौज सरपंत निर्मला देवी का कहना है कि पंचायत की तरफ से भी लगातार ये कोशिश थी कि ये जमीन गांव को मिले. वहीं आखिर कार 42 साल की लड़ाई के बाद ये बेशकिमती जमीन गांव को मिल गई. इस जमीन पर पूरे प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पैमाईश कराके इस जमीन को गांव को सौंपा है. ग्रामीणों की मानें तो इस जमीन के आने से अब गांव में खुशी का महौल है. वही सरपंच निर्मला देवी ने भी इस जमीन के वापस आने से कोर्ट और सरकार का धन्यवाद किया है.

'सामाजिक प्रयोग में लाई जाएगी जमीन'
सरपंच निर्मला देवी ने कहा कि जिस वादे के तहत ट्रस्ट को ये जमीन दी थी. उसके अनुरूप ग्रामीणों को इस ट्रस्ट और अस्पताल से कुछ फायदा नहीं मिल रहा था. जिसके चलते अब इसमें पंचायत कुछ अच्छा करेगी. उन्होंने बताया कि इससे ग्रामीण ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों को भी फायदा होगा.

फिलहाल ग्रामीणों को ये उम्मीद है कि अब कुछ अच्छा होगा. उनका कहना है कि इस जमीन को अब समाजिक प्रयोग के लिए काम में लाना चाहिए जिससे ग्रामीणों को फायदा मिल सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details