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गाजियाबाद की आबोहवा में घुल रहा है प्रदूषण का जहर, सांस लेना मुश्किल - गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर

गाजियाबाद में प्रदूषण स्तर बहुत खराब स्थिती में पहुंच चुका है. फिलहाल गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 दर्ज किया गया है. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन तमाम कवायद दे रही है. लेकिन, प्रदूषण स्तर में गिरावट देखने को नहीं मिल रही है.

गाजियाबाद
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Published : Jan 3, 2022, 4:27 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (pollution in delhi NCR) का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है. गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड ज़ोन (air quality index in red zone) में दर्ज किया गया गया है. बीते दिन गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 दर्ज हुआ.

कई महीनों से गाज़ियाबादवासी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन तमाम कवायद भी दे रही है. लेकिन, प्रदूषण स्तर में गिरावट देखने को नहीं मिल रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (National pollution control board) की मानें तो गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर अत्यंत खराब श्रेणी 360 दर्ज किया गया है. गाजियाबाद के लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 459 दर्ज किया गया है, जो डार्क रेड ज़ोन के अंतर्गत आता है.

कई महीनों से गाज़ियाबादवासी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं
एक नजर गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:
इंदिरापुरम 314
वसुंधरा 315
संजय नगर 352
लोनी 459

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.


एक नज़र NCR के प्रदूषण स्तर पर:

दिल्ली 360
ग़ाज़ियाबाद 360
नोएडा 348
फरीदाबाद 342
ग्रेटर नोएडा 304
गुरुग्राम 358


विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन (O3), सल्फर डायऑक्साइड (SO2), नाइट्रिक डायऑक्साइड (N2O), कार्बन मोनो (CO) और डायआक्साइड (CO2) सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

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बरतें सावधानी

• बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.

• घर से मास्क लगाकर ही बाहर बाजार में जाएं.

• दमा रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.

• दमे के रोगी दवा नियमित समय पर लें.

• शाम को गर्म पानी की भाप लें.

• गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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