नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणेश चतुर्थी का त्योहार देश भर में खुशी और समृद्धि के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन घरों में लोग गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं. लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति बप्पा को विराजमान करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विदाई करते हैं. 10 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा.
इस साल 10 सितंबर से गणेशोत्सव का शुभारंभ होगा. गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा को प्रसन्न करने के लिए लोग बप्पा की पसंद के वस्त्र, श्रृंगार और भोग चढ़ाते हैं. जिसका ध्यान देना बेहद जरूरी है. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की गाजियाबाद के शास्त्री नगर स्थित श्री महर्षि वेदव्यास वेद विद्यापीठ के प्रधानाचार्य आचार्य योगेश दत्त गौड़ से.
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आचार्य योगेश दत्त गौड़ ने गणपति स्थापना से लेकर बप्पा को प्रसन्न करने के लिए पूजा विधि को बताया. उन्होंने बताया कि बप्पा की पूजा के लिए सफेद मदार की जड़ में कभी-कभी प्राकृतिक रूप से भगवान गणेश की प्रतिमा बन जाती है जिसके जड़ की मिट्टी से बप्पा की मूर्ति बनाकर पूजा करना शुभ माना जाता है. अगर ये उपलब्ध नहीं है तो तालाब के किनारे की मिट्टी से भी बप्पा की मूर्ति बनाकर पूजा की जा सकती है. बप्पा की मूर्ति खुद से बनाने से विशेष फल की प्राप्ती होती है. इसके अलावा सोने, चांदी या अष्टधातु आदि से बनी बप्पा की मूर्ति की भी स्थापना की जा सकती है. जो शुभ फलदायी होता है.
यदि आप प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी बप्पा की मूर्ति की घर में स्थापना कर रहे हैं, तो स्थापना करने से पहले मूर्ति को गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें. आचार्य योगेश दत्त गौड़ ने बताया भगवान गणेश के कई रूप हैं. यदि किसी के पास संतान नहीं है या फिर संतान अपंग या रोगी है तो बप्पा के बाल रूप की स्थापना करने से संतान प्राप्ति के साथ ही संतान के रोग दूर होंगे.