नई दिल्ली/गाजियाबाद : गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में खुशी और समृद्धि के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन घरों में लोग गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं. लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति बप्पा को विराजमान करते हैं. अनंत चतुर्दशी के लिए गणपति को विदाई देकर विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की मूर्ति जरूर खरीदी होगी. आज आपको बताएंगे की मूर्ति को किस तरह से बनाया जाता है, कहां से मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी, श्रृंगार, रंग आदि आता है.
तकरीबन तीन दशकों से रौशन गणपति बप्पा की मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं. गणेश चतुर्थी के त्योहार से तकरीबन 3 महीने पहले रौशन तैयारियां शुरू कर देते हैं. शुरुआती दौर में मूर्तियां बनाई जाती हैं और गणेश चतुर्थी में, जब एक सप्ताह रह जाता है, तब इन मूर्तियों को सजाने-संवारने का काम किया जाता है. जहां एक तरफ रौशन मिट्टी को मूर्ति का आकार देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लगन के साथ मूर्तियों पर रंगों और सजावट के सामान की बौछार करते हैं. रौशन का परिवार भी मूर्तियां बनाने का काम करता है.