नई दिल्ली/गाजियाबाद : महंगाई के इस दौर में गरीब आदमी के लिए जिंदगी का सफर आसान नहीं है. आज कल के दौर में पांच-दस रुपये भिखारी भी नहीं लेते हैं. वहीं गाजियाबाद में एक ऐसी जगह हैं, जहां पांच रुपये में भरपेट खाना मिलता है. जबकि दस रुपये में चिकित्सा परामर्श के साथ तीन दिन की दवाई और एक जोड़ी कपड़े मिलते हैं. गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 स्थित महावीर वाटिका (Mahavir Vatika) में आप खुद जाकर इसकी पड़ताल कर सकते हैं.
समाजसेवी नवीन जैन बताते हैं कि 2017 दिसंबर में अचानक मन में ख्याल आया कि एक बड़ा तबका गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता है. कई जगह पढ़ा था कि जनता रसोइयों (Janta Rasoi) के माध्यम से लोगों का पेट भरा जाता है. मन में ख्याल आया क्यों ना रसोई शुरू की जाए. 1 जनवरी 2018 से रसोई की शुरुआत की. इसके बाद से शनिवार को छोड़ सप्ताह के सभी दिन रसोई गरीबों का पेट भरते हैं.
उन्होंने बताया कि सात लोगों के सहयोग से भगवान महावीर मानव सेवा ट्रस्ट की तरफ जनता रसोई संचालित की जाती है. जनता रसोई के संचालन में जो भी खर्च आता है उसे सातों लोग मिल बांट कर उठाते हैं. वर्तमान में जनता रसोई के मेनू में दाल, चावल, सलाद, रोटी, सब्जी के साथ देसी घी का हलवा शामिल है. जनता रसोई में पांच रुपये में भरपेट खाना मिलता है.
नवीन जैन बताते हैं कि जनता रसोई के संचालन के बाद कपड़े भी मुहैया कराने का ख्याल आया, जिससे गरीबों का काफी भला होगा. इसके बाद एक काउंटर की शुरुआत की गई, जहां कपड़े और किताब भी मिलती हैं. काउंटर पर लोग अपनी पुरानी किताबें और कपड़े जमा कराते हैं. पुरानी किताबों पर जिल्द लगवाकर और कपड़ों को रफू कराने के बाद धुलवाकर- प्रेस कराने के बाद हेंगर में टांग देते हैं. कोई भी व्यक्ति 10 रुपये की सहयोग राशि देने के बाद दो कपड़े ले सकता है. माता-पिता सेवा ट्रस्ट के माध्यम से कपड़ा और किताब बैंक का संचालन हो रहा है.