नई दिल्ली/गाजियाबाद : राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के बाद अब गाजियाबाद में लंपी स्किन वायरस (Lumpy Skin Virus) ने दस्तक दे दी है. मंगलवार को गाजियाबाद में पांच गायों में लंपी बीमारी के लक्षण देखने को मिला था. इसके बाद गायों के सैंपल लेकर जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्था (Indian Veterinary Research Institute) बरेली भेजा गया है. 19वीं पशु जनगणना के मुताबिक, जिले में एक लाख से अधिक गोवंशीय पशु और दो लाख से अधिक महिषवंशीय पशु हैं.
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणु जनित बीमारी है. लंपी बीमारी गोवंशीय एवं महीषवंशीय पशुओं में पाई जाती है. इस बीमारी का प्रसार पशुओं में मक्खी, चिचडी एवं मच्छरों के काटने से होता है. लम्पी स्किन डिजीज बीमारी के मुख्य लक्षणों में पशुओं में हल्का बुखार होना, शरीर में जगह-जगह नोड्यूल गांठों का उभरा हुआ दिखाई देना होता है. इस बीमारी से ग्रसित पशुओं की मृत्यु दर अनुमान एक से पांच प्रतिशत तक होता है.
इस बीमारी से रोकथाम के उपाय
- बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखना.
- पशुओं में बीमारी फैलाने वाले मक्खी, चिचड़ी व मच्छरों के काटने से बचाना.
- पशुओं के डेरे की साफ-सफाई करना और डिसइन्फैक्शन (जैसे चुना आदि) को स्प्रे करना.
- संक्रमित स्थान की दिन में कई बार फोरमेलिन, ईथर, क्लोरोफॉर्म, एल्कोहल से सफाई करना.
- संक्रमित पशुओं को खाने के लिए संतुलित आहार और हरा चारा दे.
- मृत पशुओं के शव को गहरे गड्ढे में दबाया जाए.
- संक्रमण से बचाव के लिए आवला अश्वगन्धा, गिलोय एवं मुलेठी में से किसी एक को 20 ग्राम की मात्रा में गुड़ में मिलाकर सुबह लड्डू बनाकर खिलाएं.
- तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी, दालचीनी 5 ग्राम, सोठ पाउडर 5 ग्राम, काली मिर्च 10 नग को गुड़ में मिलाकर सुबह शाम खिलाएं.
- संक्रमण रोकने के लिए पशु बाड़े में गोबर के कण्डे में गुग्गुल, कपूर, नीम के सूखे पत्ते, लोबान को डालकर सुबह शाम धुआ करें.
- पशुओं के स्नान के लिए 25 लीटर पानी को एक मुट्ठी नीम की पत्ती का पेस्ट व 100 ग्राम फिटकरी मिलाकर प्रयोग करें.
- घोल के स्नान के बाद सादे पानी से नहलाएं.