नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली से सटेगाजियाबाद में सरकार ने सशर्त और लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए 8 जून से खोलने के निर्देश दे दिए हैं. धार्मिक स्थलों में कोरोना वायरस के कारण एक दूसरे को स्पर्श करना और प्रसाद, फूल चढ़ाने की मनाही है.
'फूल और प्रसाद ना चढ़ा पाने की होती है कमी महसूस' अब ऐसे में लॉकडाउन से पहले मंदिरों में फूल और प्रसाद चढ़ा कर भगवान के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अब कैसा महसूस कर रहे हैं, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से की बातचीत...
'दूर से ही भगवान के दर्शन कर लेते हैं'
ईटीवी भारत को मुरादनगर के मशहूर हनुमान मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु अर्पित ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण वह दूर से ही भगवान के दर्शन कर लेते हैं, लेकिन उनके दिल में थोड़ा सा यह एहसास जरूर है कि वह पास नहीं जा सकते और भगवान की मूर्ति को हाथ नहीं लगा सकते, लेकिन उनको उम्मीद है कि जल्दी देश से यह महामारी खत्म हो जाए और वह अच्छे से दर्शन कर पाएं.
'जल्द खत्म हो कोरोना'
हनुमान मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु मनीष सैनी ने बताया कि मंदिर में फूल और प्रसाद ना चढ़ा पाने के कारण उनके मन में यही आता है कि सरकार को कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द प्रयास करने चाहिए, जिससे कि वह ठीक से भगवान के दर्शन कर पाए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह पहले मंदिर में फूल और प्रसाद चढ़ाने आते थे, लेकिन अब डर लगता है कि पता नहीं किस चीज में कोरोना वायरस हो और अब बस वह मंदिर के बाहर से भी दर्शन कर रहे हैं.
'खुद को संतुष्ट करना पड़ रहा है'
मंदिर में दर्शन करने के लिए फूल लेकर आए श्रद्धालु संजय चौधरी ने बताया कि जब से लाॅकडाउन हुआ है तब से वह मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं. वहीं जब पहले मंदिर आते थे तो अच्छे से भगवान के दर्शन करते थे और पुजारी जी के साथ बैठकर बातें करते थे, लेकिन अब बाहर से दर्शन करने के बाद ही खुद को संतुष्ट करना पड़ रहा है.