नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश के सबसे पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System) का पहला ट्रेनसेट गुजरात के सावली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (National Capital Region Transport Corporation) को सौंपा गया. अब इन ट्रेनों का डिलिवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहला ट्रेनसेट जल्द ही गाज़ियाबाद के दुहाई डिपो पहुंचेगा.
NCRTC के मुताबिक मेक इन इंडिया के दिशा निर्देशों के तहत इन 30 RRTS अल्ट्रा-मॉडर्न ट्रेनों को हैदराबाद में डिज़ाइन गया है और सभी ट्रेनसेट गुजरात के सावली में निर्मित हो रहे हैं. ट्रेनसेट निर्माण के लिए मेसर्स एल्सटॉम को अनुबंध दिया गया था, जिसके अनुसार वे RRTS के लिए 40 ट्रेनों की डिलीवरी करेंगे, जिनमें 10, तीन कोच वाली ट्रेनें मेरठ मेट्रो के लिए होंगी. RRTS इस साल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले सेक्शन पर ट्रायल रन शुरू करेगी.
गाजियाबाद लाया जाएगा रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का पहला ट्रेनसेट अपने स्लीक और आधुनिक डिजाइन के साथ ये ट्रेनसेट, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हल्के वजन वाले होंगे और ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी), ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल (एटीसी) और ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन्स (एटीओ) के साथ संयोजित होंगे. रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम इन ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न करती है और यह उत्पादित बिजली ट्रेन सिस्टम के ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से वापस इलेक्ट्रिक ग्रिड में चली जाती है.ट्रैन में ये सुविधाएं रहेंगी मौजूद -
- RRTS ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2x2 ट्रान्सवर्स बैठने की सीट.
- खड़े होने के लिए चौड़ी जगह.
- लगेज रैक.
- सीसीटीवी कैमरे.
- लैपटॉप-मोबाइल चार्जिंग सुविधा.
- डायनेमिक रूट मैप.
- ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम.
- हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम.
- RRTS ट्रेनों में स्टैंडर्ड क्लास और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा.
- 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी. जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी.
गाजियाबाद लाया जाएगा रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का पहला ट्रेनसेट मल्टी-मॉडल-इंटीग्रेशन के साथ, RRTS स्टेशनों का मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों और बस डिपो के साथ जहां कहीं भी संभव हो, सहज एकीकरण होगा. एक बार चालू होने के बाद, पहले RRTS कॉरिडोर से प्रति वर्ष वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 2 लाख 50 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड कम होने का अनुमान है. लगभग 8 लाख अपेक्षित दैनिक यात्रियों के साथ, RRTS सबसे अधिक ऊर्जा कुशल फ्यूचरिस्टिक ट्रांज़िट सिस्टम होगा.
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