नई दिल्ली/गाजियाबाद : एनसीआरटीसी ने वसुंधरा, गाजियाबाद के पास भारतीय रेलवे की मुख्य लाइन (main line of indian railways) को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर (delhi-ghaziabad-meerut rrts corridor) के पहले स्पेशल स्टील स्पैन (पुल) को सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है. यह स्पेशल स्टील का स्पेन (First special steel span) या पुल 73 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 850 टन है. यह विंच और रोलर व्यवस्था (खिसकाने के लिए) की मदद से भारतीय रेल की पटरियों के दोनों ओर बनाई गयी लगभग 10 मीटर ऊंचाई के पिलर्स पर स्थापित किया गया है.
इस विशेष स्टील स्पैन की सफल स्थापना के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर (rrts corridor in ghaziabad) के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा कर लिया गया है. साहिबाबाद से दुहाई तक के 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड का यह पहला विशेष स्टील स्पैन है, जिसे वर्ष 2023 तक परिचालित करने का लक्ष्य है. गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन (Ghaziabad RRTS Station) के ठीक पहले भी लगभग 150 मीटर का एक और विशेष स्टील स्पैन का निर्माण कार्य चल रहा है, जहां निर्माणाधीन आरआरटीएस वायडक्ट एक फ्लाईओवर और दिल्ली मेट्रो के वायडक्ट को एक साथ पार कर रहा है.
स्पेशल स्टील का स्पेन (First special steel span) या पुल 73 मीटर लंबा है. एनसीआरटीसी ने इस विशेष स्टील स्पैन की स्थापना सभी सुरक्षा उपायों के साथ उत्तर रेलवे के पूर्ण सहयोग से की है और भारतीय रेल की पटरियों के ऊपर से इस विशेष स्टील स्पैन को स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया न्यूनतम व्यवधान के साथ निर्दिष्ट ब्लॉकों के भीतर पूरी की गई. इस विशाल व विशेष स्टील स्पेन की स्थापना की प्रक्रिया में पहले पूरी स्टील स्पेन की संरचना को बीम व कॉलम से युक्त एक ढांचा के ऊपर वास्तविक स्थान के पास तैयार जाता है. पूरी संरचना तैयार होने के बाद, इसे रोलर्स पर दोनों तरफ खड़े किए गए पिलर्स की ओर ले जाया जाता है और उनपर स्थापित कर लिया जाता है. चूंकि यह बहुत ही भारी-भरकम इस्पात संरचना होती है, यह कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जटिल तरीके से सम्पन्न किया जाता है.
ये भी पढ़ें :भारतीय किसान यूनियन ने मुरादनगर नगर पालिका को गाजीपुर बॉर्डर बनाने की दी चेतावनी
इन विशेष स्टील स्पैन का निर्माण इतना सटीक और उत्तम है कि इनकी स्थापना के बाद किसी भी अन्य निर्माण की आवश्यकता नहीं है. यह बिलकुल तैयार हैं और इसकी स्थापना के बाद, ट्रैक बिछाने और ओएचई स्थापना के अगले कार्य को तुरंत ही प्रारम्भ किया जा सकता है.
आरआरटीएस कॉरिडोर (rrts corridor in ghaziabad) के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है. जिसके बाद, इन पिलर्स को आरआरटीएस वायडक्ट स्पैन बनाने के लिए लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) की मदद से प्री-कास्ट सेगमेंट को जोड़ा जाता है. हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे, या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.
ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए विशेष स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है. विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं. एनसीआरटीसी कारखाने में स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष स्पेन का निर्माण कर रहा है, जिसे किसी भी ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए रात के दौरान ट्रेलरों पर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़ा जाता है. इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है.
ये भी पढ़ें :यूपी सरकार की Omicron काे लेकर क्या है तैयारी, स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया
82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर (rrts corridor in ghaziabad) पर 14,000 से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. अब तक एलिवेटेड सेक्शन के 1100 से अधिक पिलर बनाए गए हैं, 50 किमी से अधिक फॉउंडेशन का कार्य और लगभग 14 किमी का वायाडक्ट पूरा हो चुका है, जिनमें से अधिकांश प्रायोरिटी सेक्शन में स्थित है. प्राथमिकता खंड में वायडक्ट के निर्माण के साथ ही सभी पांच स्टेशनों साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. गाजियाबाद से दुहाई के बीच के वायाडक्ट पर रेल पटरियों को जोड़ने का काम चल रहा है.
कॉरिडोर में एलिवेटेड सेक्शन के लिए 18 लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) के साथ आरआरटीएस के वायाडक्ट बनाने का निर्माण कार्य चल रहा है. अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है जहां टनल बोरिंग मशीन (सुदर्शन) के लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण कार्य किया जा रहा है.