नई दिल्ली/गाजियाबादः एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी की. इसके तहत किसानों के खातों में 19,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने हैं. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि यह सम्मान निधि नहीं, बल्कि अपमान निधि है.
2 हजार रुपये का प्रचार-प्रसार, ढोल-बाजा बजा रही सरकार
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि फिर एक बार 2 हजार रुपये और 4 महीने का प्रचार-प्रसार करके दिखाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि 500 रुपये महीना देकर किसान का क्या सम्मान किया जा रहा है? जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से किसानों की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन उस हिसाब से निधि नहीं बढ़ी है. अगर यह सम्मान निधि की है, तो उसकी राशि भी सम्मान के लायक होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश के सभी किसानों को सम्मान निधि मिल भी नहीं पा रही है. किसी किसान के कागज होल्ड कर दिए गए, तो किसी का खाता कमजोर बता दिया गया. इस तरह लाखों किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाया है. कागजों का संशोधन नहीं होने से किसानों को मुश्किल हुई. जब सरकार के पास किसानों की सभी जानकारी उपलब्ध है, तो सबको यह निधि क्यों नहीं मिल रही? यह सम्मान नहीं, बल्कि अपमान निधि है.
जैविक खेती के मामले पर भी किसानों ने कहा कि सरकार कहेगी, तो जैविक खेती कर लेंगे, लेकिन जैविक संसाधन कौन खरीदेगा. जैविक उत्पादन की कीमत निश्चित कर देनी चाहिए. फैक्ट्री तभी सफल होगी, जब उसके प्रोडक्शन की बिक्री होगी, लेकिन फिलहाल किसान की बिक्री घाटे पर हो रही है.