नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद के करीब छह गांव के किसान बीजेपी की जन विश्वास यात्रा (bjp jan vishwas yatra in ghaziabad) के विरोध में आ गए हैं. किसानों ने सड़क के किनारे धरना (farmers protest in ghaziabad) देना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि अपनी मांग को लेकर पिछले पांच सालों से धरना प्रदर्शन करते आए हैं. मगर मांग नहीं सुनी गई है. दरअसल मामला जमीन अधिग्रहण के मुआवजे (land acquisition compensation) का है. किसानों ने अपना विरोध जाहिर करने के लिए सिर पर किसान सत्याग्रह आंदोलन की टोपी तक लगा ली है.
मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके के पास मंडोला गांव का है. मंडोला गांव के किसान पिछले कई सालों से आरोप लगा रहे हैं कि उनकी जमीन का अधिग्रहण (land acquisition compensation) करने के बाद उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया. इसके चलते वह हर बड़े अवसर पर अपना विरोध जाहिर करते हैं. लेकिन इस बार मौका बीजेपी की जन विश्वास यात्रा (bjp jan vishwas yatra in ghaziabad) का है. यह जन विश्वास यात्रा लोनी में भी पहुंचनी है. इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. मगर इस बीच दिल्ली-सहारनपुर रोड के किनारे किसान आकर बैठ गए हैं. हालांकि मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
गाजियाबाद के इस गांव में किसान कर रहे जन विश्वास यात्रा का विरोध, जानें वजह
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले बीजेपी अपना जनाधार बचाए रखने के लिए जन विश्वास यात्रा निकाल रही (bjp jan vishwas yatra in up) है. वहीं किसान बीजेपी की जन विश्वास यात्रा के विरोध में आ गए हैं. किसानों का कहना है कि वह अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं.
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इससे पहले कई बार किसानों को समझाने की कोशिश की जाती रही है. मगर उनका आरोप है कि मंडोला आवास योजना के तहत उनको उचित मुआवजा नहीं दिया गया. अपनी बात को शांतिपूर्ण तरीके से पहुंचाने की बात किसान कह रहे हैं. लेकिन यह प्रशासन के लिए बड़ी चिंता है. प्रशासन के अधिकारी भी मंडोला और आसपास के गांव के किसानों को समझाने में जुटे हुए हैं. किसानों का कहना है कि उनके साथ दिल्ली सहारनपुर रोड के पास करीब छह गांव के किसान बैठे हुए हैं.