नई दिल्ली/गाजियाबाद: गन्ना समर्थन मूल्य को लेकर भारतीय किसान यूनियन के साथ किसानों ने दिल्ली मेरठ एनएच-58 पर जाम लगाया. साथ ही गन्ने की पराली जला कर अपना विरोध दर्ज किया. किसानों के मुताबिक किसान जोकि अन्नदाता भी कहा जाता है सरकार उसको अनसुनी कर रही है. जिसके चलते आज किसान सड़कों पर है और विरोध प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शन के दौरान मौके पर आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
किसानों का विरोध प्रदर्शन किसानों ने लगाया जाम
आपको बता दें पिछले कुछ सालों से किसान लगातार गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. बावजूद उसके गन्ना समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जिसके चलते आज पूरे उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही सड़कों पर चक्काजाम भी किया गया.
ऐसे में गाजियाबाद भी इससे अछूता नहीं रहा और बुधवार सुबह गाजियाबाद और आसपास के इलाकों के तमाम किसान और भारतीय किसान यूनियन के नेता मोदीनगर तहसील पहुंचे और ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए सड़क को दोनों तरफ से बंद कर जाम लगाया.
जमकर हुई नारेबाजी
जाम के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई. इस दौरान किसानों और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने जमकर नारेबाजी की और सरकार को किसान विरोधी सरकार बताते हुए गन्ने और पराली में सड़क पर ही आग लगा दी.
अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की
मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया. साथ ही गन्ने और पराली में लगाई आग को भी बुझा दिया. हालांकि किसानों का कहना है कि किसान वो वर्ग है जो पूरे देश का पेट पालता है. मगर सरकार किसान के ही पेट पर लात मारने से नहीं चूकती. यही वजह है कि अन्न दाता कहा जाने वाला किसान हाशिये पर है और अपनी फसलों के दाम के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है.