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दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर किसानों का धरना प्रदर्शन, 'जेल में भरो या हमारी मांगे पूरी करो' - किसानों का धरना प्रदर्शन

मोदीनगर क्षेत्र के मुरादाबाद गांव में बार-बार त्रिपक्षीय वार्ता कराकर समस्या का निराकरण किए जाने, मुआवजे को दिलाने आदि आश्वासनों को पूरा ना होने पर आंदोलनकारी किसानों ने धरना प्रदर्शन किया.

Farmers protest at Delhi Meerut Expressway regarding their issues
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर किसानों का धरना प्रदर्शन

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Published : Jul 2, 2020, 6:25 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के मुरादाबाद गांव में किसान कल्याण समिति के बैनर तले मुआवजे की मांग, सर्विस रोड और खेतों पर जाने के रास्ते की मांग समेत कई मांगो को लेकर किसान निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे के बीचों-बीच धरना देकर बैठ गए. भारी भरकम पुलिस बल की मौजूदगी में स्थानीय प्रशासन ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आंदोलनकारी किसानों ने जेल भरो या मांग पूरी करो नारों की गूंज नगर पंचायत को जारी रखा.

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर किसानों का धरना प्रदर्शन



आंदोलन की अगुवाई कर रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. बबली गुर्जर ने बताया कि पूरे प्रदेश को और एनसीआर को किसानों की मांगों के बारे में मालूम है. हमने पिछले कई महीने आंदोलन चलाया है, किसान अपनी जायज मांग कर रहे हैं. जैसे कि एक समान मुआवजा जो कि एनएचएआई ने इसी जिले में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर दिया है, किसान सर्विस रोड और अपने खेत पर आने जाने के लिए रास्ता मांग रहा है. जिस पर किसान को बार-बार भयकाया जाता है.

उन्होंने कहा कि पहले भी अपनी मांगों को लेकर किसान गाजियाबाद से मेरठ कमिश्नर तक पदयात्रा लेकर गए, वहां पर 2 दिन तक किसानों का पड़ाव रहा, लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी गई, सिर्फ छला गया.


'कोई नहीं सुन रहा किसानों की मांग'

इसके साथ ही बबली गुर्जर ने बताया कि अब किसानों की मांगों को लेकर उनकी मेरठ मंडल के कमिश्नर से बात हुई थी. जिस पर उन्होंने भी माना था किसानों की मांग जायज है और हमें आश्वासन देकर भेजा कि हम इसमें आपकी पूरी मदद करेंगे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ हैं.


'सिर्फ मिला है झूठा आश्वासन'

किसानों का समर्थन कर रहे सपा के वरिष्ठ नेता अतुल प्रधान का कहना है कि यह सरकार किसान विरोधी है. इनकी सोच किसानों के प्रति नहीं हैं, इन लोगों ने किसानों से 1 साल में कितने वादे किए हैं. तहसीलदार स्तर से लेकर कमिश्नर स्तर तक डीएम, एडीएम वादे करते रहे, जिसमें सिर्फ झूठ बोला, इसलिए अब उनका साफ कहना है कि या तो किसानों को जेल भेजो या फिर इनकी समस्या का समाधान करो.

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