दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर किसानों का धरना, तहसील परिसर में तालाबंदी की चेतावनी

मोदीनगर तहसील परिसर में 45 दिन से धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह मोदीनगर तहसील परिसर में तालाबंदी करेंगे. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसान नेताओं से खास बातचीत की.

Farmers picket on Delhi Meerut Expressway, lockout warning in Modinagar Tehsil campus
धरने पर बैठे किसानों

By

Published : Nov 17, 2020, 7:31 PM IST

गाजियाबाद: दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर एक समान मुआवजे की मांग को लेकर जनपद गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील में तकरीबन 45 दिन से धरना कर रहे किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह मोदीनगर तहसील परिसर में तालाबंदी करके काम को बाधित करेंगे. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसान नेताओं से की खास बातचीत.

मोदीनगर तहसील परिसर में धरने पर बैठे किसान
16 महीने के धरना-प्रदर्शन के बाद उम्मीद

धरने का प्रतिनिधित्व कर रहे किसान नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश राठी ने बताया कि उनकी एक समान मुआवजे की मांग है. अभी बीते 9 नवंबर को उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी हुई थी. जहां पर उन्होंने विस्तार से मुख्यमंत्री को अपनी बात बताई है. जिस पर मुख्यमंत्री ने मेरठ मंडल के कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है. सतीश राठी कहना है कि तकरीबन 16 महीने के धरना-प्रदर्शन के बाद अब उनको मुआवजा मिलने की थोड़ी उम्मीद जग रही है.


चुनाव के समयसरकारें करती हैं वादा करती

धरने का प्रतिनिधित्व कर रहे किसान नेता बबली गुर्जर का कहना है कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है. लेकिन जब-जब चुनाव आता है. सरकारें किसानों की हितैषी होने और उनकी आय दोगुनी करने का वादा करती हैं. लेकिन दुर्भाग्य से किसान पिछले 16 महीने से अपनी जायज मांगों के लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

धरने पर बैठे किसान
मुआवजे की मांग को लेकर पदयात्रा भी की

बबली गुर्जर ने बताया कि एक समान मुआवजे की मांग को लेकर उन्होंने पद यात्रा भी निकाली थी और घुटनों के बल चल कर वह तहसील परिसर तक भी पहुंचे थे. लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. अगर प्रशासन और अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन को जल्द पूरा नहीं किया जाता है, तो वह पूरे तहसील परिसर में तालाबंदी करके काम को बाधित करने पर मजबूर होंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details