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धान की बुवाई करने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, दोगुने दामों पर काम करा रहे किसान

ईटीवी भारत को अपने खेतों पर मुंजी (चावल) की बुवाई करवा रहे किसान ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घर जा चुके हैं, जिसके कारण वह दुगने दामों पर मजदूर लाकर मजबूरी में मुंजी की बुवाई करवा रहे हैं.

farmers face problem due to not getting Workers for rice plantation in ghaziabad
चावल की बुवाई करने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर

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Published : Jul 9, 2020, 4:00 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: संपूर्ण भारत में अनलॉक 2 की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें यह कयास लगाए जा रहे है कि लॉकडाउन के कारण मंदे पड़े रोजगार धंधे और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले रोजगारों को रफ्तार मिलेगी, लेकिन लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे प्रवासी मजदूर अपने घर जा चुके हैं. जिसकी वजह से फैक्ट्री और बड़े उद्योग धंधों के साथ ही किसानों को भी खेती करने के लिए मजदूरों की कमी पड़ रही है. इसी को लेकर सावन का महीना शुरू होने पर मुंजी (चावल) की बुवाई करने के लिए मजदूर न मिलने से परेशान किसान से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

दोगुने दामों पर काम करा रहे किसान
किसान फरीद अहमद ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनकी खेती पर फर्क पड़ रहा है, क्योंकि जो मजदूर उनके खेतों पर काम करते थे वह अपने घर चले गए हैं और अब उनको मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से वह खेतों पर काम करने के लिए दुगने दामों पर महिला मजदूरों को गांवों से ला रहे हैं.चावल के दामों में हो सकती है बढ़ोतरीकिसान ने बताया कि उनके यहां जो पहले मजदूर थे वह 500 रुपये बीघा पर मुंजी की बुवाई करते थे, लेकिन अब जो वह महिला मजदूर लाए हैं, वह 800 से ₹1000 बीघा पर मुंजी की बुवाई कर रही हैं. इसके साथ ही किसान ने बताया कि अगर ऐसे ही फसल की बुवाई महंगी रही तो इस बार चावल के दामों में भी बढ़ोतरी होगी.

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