नई दिल्ली/गाजियाबाद: शुक्रवार को यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) पर संयुक्त मोर्चा आंदोलन कमेटी की मीटिंग में तय किया गया कि करोना के संबंध में जो भी गाइडलाइन स्वास्थ्य विभाग या भारत सरकार की तरफ से जारी की गई है, उसका पूरा पालन किया जाएगा. मास्क, सेनटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि जो भी एहतिहात होगी उसका पालन किया जाएगा. लेकिन किसी भी कीमत पर आंदोलन स्थल से किसान वापस नहीं जाएंगे.
ये भी पढ़ें:-सीएम केजरीवाल ने पीएम से पूछा: लोगों के मरने की आए नौबत, तो किसे करें फोन
'सरकारी षड्यंत्र पुरजोर विरोध'
किसान नेता जगतार सिंह बाजवा का कहना था कि सरकार के किसी भी सरकारी षड्यंत्र को जो आंदोलन को तोड़ने या आंदोलन का दमन करने के लिए रचा जाएगा. उसका योजनाबद्ध तरीके से पुरजोर विरोध किया जाएगा.
सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई
बाजवा ने बताया 24 अप्रैल से किसान वापस बॉर्डर की तरफ को आना शुरू होंगे. खेती व उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव के चलते जो भी किसान घरों को गए थे. उन सबको वापस आना है और गाजीपुर बॉर्डर पर रहने के लिए सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं. शुक्रवार को मंच विधिवत चला और आंदोलन स्थल पर शाम को किसान एकता मार्च निकाला गया.
किसान बिना मास्क के नजर आए
एक तरफ किसान नेता जगतार सिंह बाजवा का कहना है कि सरकार की तरफ से जारी की गई तमाम कोविड-19 का पालन करेंगे. तो वहीं दूसरी तरफ मार्च के दौरान लगभग सभी किसान बिना मास्क के नजर आए. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं दिखाई दी. किसान नेता लगातार दावे करते आ रहे हैं कि बॉर्डर पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हो रहा है लेकिन जगतार सिंह बाजवा की तरफ से जारी की गई फोटो में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है कि किस तरह से किसान आंदोलन में कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी की जा रही है.