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गाजियाबाद: 'खाना नहीं देंगे तो चलेगा, लेकिन हमें घर भिजवा दीजिए'

मेरठ रोड पर दर्जनों प्रवासी मजदूरों की भीड़ गांव जाने के लिए बस के इंतजार में जुट गई. लॉकडाउन के चलते मजदूरों की मनोदशा बहुत प्रभावित हुई. वे इतने परेशान हैं कि सरकारी मदद का इंतजार भी नहीं करना चाहते. वे बस किसी भी तरह अपने गांवों और घरों को चले जाना चाहते हैं.

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Published : May 9, 2020, 11:26 AM IST

Updated : May 9, 2020, 12:04 PM IST

Exodus of laborers from Ghaziabad to villages lockdown corona virus
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नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना संकट की इस घड़ी में मजदूर लगातार सिर पर कफन बांधे निकल रहे हैं. उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है. बस मांग एक ही है कि उन्हें उनके गांव पहुंचा दीजिए. गाजियाबाद के मेरठ रोड पर भी ऐसे दर्जनों मजदूर देखे गए. जो बस मिलने की आस में यहां पहुंच गए थे.

'हमारे साथ जो हो, वो गांव में हो'

लेकिन पुलिस मौके पहुंच गई. उसके बाद आनन-फानन में यहां-वहां जाने लगे. इस दौरान ट्रक ड्राइवर ने ट्रक रोक लिया, तो सारे मजदूर उसी में सवार हो गए. इन मजदूरों का कहना है कि उनके साथ जो भी होगा वो गांव में होना चाहिए. वे यहां भूखे-प्यासे नहीं मरना चाहते हैं. मजदूरों के साथ छोटे बच्चे भी देखे गए.

घर जाने की तैयारी में मजदूर
प्रशासन और सरकार लगातार मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजने का प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में यह भी सामने आया था कि कुछ मजदूर अपने घर नहीं जाना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें यहां रोजगार मिल रहा है. लेकिन मुश्किल उन मजदूरों के साथ है जो बाहर से गाजियाबाद आ रहे हैं और यहां प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.

इन मजदूरों का कहना है कि फिलहाल उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए वापस घर जाना चाहते हैं. हालांकि पुलिस और प्रशासन इनकी मदद के भी प्रयास में जुटा हुआ है. मगर मुश्किल यह है कि ज्यादा भीड़ आने पर स्थिति अनियंत्रित होने लगती है.

इन मजदूरों से यही अपील की जा रही है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और वे थोड़ा धैर्य रखें. प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी करवा रहा है. लंबे वक्त तक सबने एक बड़ा बलिदान दिया है. अब इस समस्या का अंत नजदीक आ रहा है.

ऐसे में थोड़ा सा धैर्य देश को काफी बड़ी समस्या से बचा सकता है. लेकिन मजदूरों ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में वह चाहते हैं कि उनके साथ जो भी हो. वो उनके गांव में हो. इसलिए वे यहां अपने गांव से दूर नहीं रहना चाहते.

Last Updated : May 9, 2020, 12:04 PM IST

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