नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नगर निगम और वाहन चालकों के बीच ठेकेदारों का अंत किया गया है. जिससे न सिर्फ वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है बल्कि नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी हुई है.
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि मध्य स्तरीय ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से वाहन चालकों की पर्ची काटी जाती थी. जिसको ठेकेदारों की टीम वाहन शुल्क और पार्किंग शुल्क के नाम पर वाहन चालकों को गुमराह करके वसूली होती थी. इससे वाहन चालक पीड़ित रहते थे.
नगर आयुक्त के निर्देश पर सीधे नगर निगम द्वारा वाहन चालकों से वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूलने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया और नियम के मुताबिक दो सीटर वाहन चालकों से ₹360, चार सीटर वाहन चालकों से ₹500 और सात सीटर वाहन चालकों से ₹720 वार्षिक लाइसेंस शुल्क वसूले जा रहे हैं. जिससे गाजियाबाद नगर निगम की आय में वृद्धि हुई है.