नई दिल्लीःमुरादनगर क्षेत्र में बमुश्किल दो या तीन पार्क ही बने हुए हैं. इसकी वजह से स्थानीय निवासियों को शुद्ध हवा, मॉर्निंग वॉक और समय व्यतीत करने के लिए भटकना पड़ता है. डिफेंस कॉलोनी के बुजुर्ग बीते 20 सालों से कॉलोनी या आसपास में पार्क न बने होने की समस्या से परेशान हैं. मजबूरी में सभी बुजुर्ग दोस्त मुरादनगर के रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर ही बैठ कर बात कर तनाव दूर करते हैं. इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने बुजुर्गों से की खास बातचीत की.
रेलवे स्टेशन पर बैठने को मजबूर बुजुर्ग. रेलवे स्टेशन पर बैठना नहीं लगता अच्छा
ईटीवी भारत को बुजुर्ग कृष्णपाल ने बताया कि वह समय बिताने के लिए घर से बाहर आ जाते हैं. यहां पार्क न होने की वजह से वह रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर बैठकर समय व्यतीत करते हैं. हालांकि, उनको रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर बैठना अच्छा नहीं लगता है. रेलवे स्टेशन प्रशासन को भी इससे दिक्कत होती है, लेकिन वह बुजुर्गों की मजबूरी को समझते हुए कुछ नहीं कहते हैं. वह चाहते हैं कि बुजुर्गों के बैठने के लिए पार्क बनाए जाएं.
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मिलिट्री से रिटायर हैं बुजुर्ग
बुजुर्ग तेजपाल सिंह का कहना है कि वह मिलिट्री से रिटायर हैं. उनके लिए कोई भी सुविधा नहीं है. मजबूरी में वह रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर बैठकर समय बिताते हैं. अभी रेलों का संचालन नहीं हो रहा है. जब रेल चलती है, तो सीढ़ियों पर बैठने नहीं दिया जाता है. मजबूरी में वह इधर-उधर भटकते रहते हैं.
मजबूरी में बैठते हैं रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर
वह चाहते हैं कि उनको बैठने के लिए कहीं पार्क मिल जाए, जिससे वह बैठकर कोई गेम खेलकर समय बिता सकें. इस बारे में जब कभी विधायक, मंत्रियों या नेताओं से कहा जाता है, तो वह भी आश्वासन देकर चले जाते हैं.