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गाजियाबाद: फैक्ट्री ने किया 30 फीसदी सैलरी काटने का ऐलान, धरने पर मजदूर

दर्जनों कर्मचारी ECE फैक्ट्री के बाहर ही धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि फैक्ट्री का फरमान नहीं सुनने पर फैक्ट्री मैनेजमेंट ने उन्हें काम पर आने से भी मना कर दिया है. ऐसे में वह कहां जाएं. ये कर्मचारी लंबे समय से फैक्ट्री को अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं लेकिन अचानक से आए फरमान ने उन्हें निराश कर दिया है.

ECE factory workers in Ghaziabad protest over livelihood crisis
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Published : Jul 5, 2020, 10:48 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल में फैक्ट्री कर्मचारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गाजियाबाद में मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित ECE फैक्ट्री के कर्मचारी काम छोड़कर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि फैक्ट्री उनके वेतन में से 30 प्रतिशत की कटौती का फरमान सुना रही है. लेकिन कर्मचारियों को फैक्ट्री का ये फरमान कबूल नहीं है.

फैक्ट्री के बाहर धरना देते कर्मचारी

कर्मचारियों का आरोप है कि ज्यादातर लोगों की सैलरी सिर्फ 10 हजार रुपये महीना है. उसमें से अगर 30 फीसदी वेतन काट लिया जाएगा तो घर नहीं चल पाएगा. ऐसे में कर्मचारियों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है. वे काम छोड़कर फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं.

'मैनेजमेंट ने काम पर आने से किया मना'
दर्जनों कर्मचारी ECE फैक्ट्री के बाहर ही धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि फैक्ट्री का फरमान नहीं सुनने पर फैक्ट्री मैनेजमेंट ने उन्हें काम पर आने से भी मना कर दिया है. ऐसे में वह कहां जाएं. ये कर्मचारी लंबे समय से फैक्ट्री को अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं. लेकिन अचानक से आए फरमान ने उन्हें निराश कर दिया है.

कर्मचारियों ने बताया कि फैक्ट्री मैनेजमेंट से बात हो रही है. लेकिन कोई पुख्ता नतीजा नहीं निकल पा रहा है. कर्मचारियों ने कहा कि वे फैक्ट्री के गेट पर ही धरने पर बैठे रहेंगे. धूप और बारिश में भूख-प्यास की परवाह किए बगैर कर्मचारी अपनी रोजी-रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.



एटलस मामले में भी नहीं निकला कोई हल

पिछले महीने साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एटलस साइकिल फैक्ट्री के कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. कर्मचारियों को 'ले ऑफ' पर भेजने का मामला अभी तक हल नहीं हुआ है. जबकि कर्मचारी लगातार अपनी मांग उठा रहे हैं.

कोरोना काल में फैक्ट्री मजदूर और कर्मचारियों की बढ़ती मुश्किलें उनके पूरे परिवार के लिए सदमे जैसी हैं. फैक्ट्री में अलग अलग तरीके की मशीनों के पार्ट बनाए जाते हैं. फैक्ट्री में मैनेजमेंट की तरफ से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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