नई दिल्ली/गाजियाबाद:देश के 8 प्रसिद्ध मंदिर मठों में से एक गाजियाबाद स्थित दूधेश्वर नाथ मंदिर मठ के कपाट 6 अगस्त से भक्तों के लिए खुल जाएंगे. सावन की शुरुआत में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए 31 जुलाई तक के लिए कपाट बंद कर दिए गए थे. हालांकि, 31 जुलाई निकलने के बाद भी कपाट नहीं खुले हैं. अब मंदिर के महंत नारायण गिरी का कहना है कि 6 अगस्त से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए दोबारा खोले जाएंगे.
सुनें क्या बोले मंदिर के महंत हालांकि, भक्तों को मंदिर में दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखना होगा. आपको बता दें कि पूरे लॉकडाउन में मंदिर के कपाट बंद रहें. जुलाई की शुरुआत से पहले कुछ दिनों के लिए मंदिर खोलने का फैसला लिया गया था, लेकिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए सावधानी बरतने के लिए पूरे सावन मंदिर को बंद रखना पड़ा.
शिवरात्रि पर मायूस रहे भक्त
सावन के पूरे महीने के साथ-साथ शिवरात्रि पर भी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहे थे. ऐसे में भक्त सावन के दिनों में मंदिर के द्वार पर आते थे और बाहर से पूजा-अर्चना करके चले जाते थे. जलाभिषेक का मौका भी इस बार भक्तों को नहीं मिल पाया.
हालांकि, 6 अगस्त से जब मंदिर के कपाट खुल जाएंगे तो भक्त पूजा-अर्चना कर पाएंगे. जाहिर है यह भक्तों के लिए एक बड़ी राहत की बात है. मंदिर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को सख्ती से मानना पड़ेगा. इसके लिए मंदिर ने अपने स्तर पर भी तमाम इंतजाम किए हुए हैं.
क्या है मान्यता
प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की अपनी प्राचीन मान्यता है. कहा जाता है कि यहां पर रावण ने पूजा-अर्चना की थी. प्राचीन काल में मंदिर वाली जगह पर एक टीला हुआ करता था जहां पर एक गाय आकर स्वयंभू दूध दिया करती थी. वहीं पर भगवान दूधेश्वर प्रकट हुए थे. तभी से दूर-दूर से भक्त प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने भक्तों से पूजा-अर्चना का अधिकार भी छीन लिया था.