नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने कलेक्ट्रेट परिसर में 'ब्लैक बॉक्स' लगवाया था. ब्लैक बॉक्स लगवाने का उद्देश्य था कि जिला मुख्यालय परिसर में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना. ब्लैक बॉक्स में विभिन्न विभागों में चल रही अनियमितताओं को लेकर लोग शिकायतें डालते रहते हैं.
DM के निशाने पर निर्माण विभाग
शुक्रवार को ब्लैक बॉक्स खोला गया जिसमें कुल 76 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 21 शिकायतें जनपद में चल रहे निर्माण कार्य को लेकर डाली गई. जिसमें जिला पंचायत, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, नगर पालिका, नगर पंचायत, विशेष रूप से शामिल थी, अन्य विभागों में शिक्षा विभाग, व्यापार कर विभाग, प्राधिकरण विभाग नगर निगम, विद्युत विभाग, राजस्व विभाग आदि की शिकायत प्राप्त हुई है जिन पर जिलाधिकारी द्वारा जांच कराई जा रही है.
कई अधिकारी रहे उपस्थित
निर्माण कार्यों की शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने शुक्रवार देर रात निर्माण कार्य संस्था, अधिकारियों, अभियंताओं और यहां तक कि ठेकेदारों को भी एक बैठक के लिए बुलाया, जिसमें समस्त अधिशासी अधिकारी, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं अवर अभियंता उपस्थित रहे.
जिलाधिकारी ने बैठक में स्पष्ट और सीधे निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यालय स्तर पर एक माह में ईमानदार एवं भ्रष्टाचार मुक्त निर्माण कार्य करने की अपेक्षा है.
निर्माण कार्य में गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और यदि गुणवत्ता की जांच में आवश्यकता हुई तो उसे आईआईटी रुड़की को जांच के लिए भेजा जाएगा. जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यदाई संस्था और ठेकेदारों को 10 दिन का समय निर्माण कार्य में यदि कोई अनियमितताएं हो तो उसको दुरुस्त करने के लिए दिया है.
23 मार्च के बाद 8 टीमें गठित कर निर्माण कार्यो की होगी जांच. जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट एवं वरिष्ठ अभियंताओं को संयुक्त टीम बनाकर निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.