दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

हेलीकॉप्टर शॉट उड़ाने वाले राजा बाबू चला रहे ई रिक्शा, पढ़िए क्यों

ट्रेन हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी गाजियाबाद के राजा बाबू ने हार नहीं मानी. खेलों के प्रति अपनी रूचि कम नहीं होने दी. एक दिन अपनी पहचान गाजियाबाद के धोनी के रूप में बनायी. आइये यहां हम आपकाे बताते हैं कि कैसे राजा बाबू गाजियाबाद के धाेनी बने और आज किस हाल में हैं.

गाजियाबाद का धोनी
गाजियाबाद का धोनी

By

Published : Aug 16, 2022, 5:25 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद का महेन्द्र सिंह धाेनी. दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू (Divyang Cricketer Raja Babu) काे लाेग इसी नाम से पुकारते हैं. वजह, वही हेलीकॉप्टर शॉट. राजा बाबू व्हीलचेयर पर से जब धाेनी की तरह हेलीकॉप्टर शॉट मारते ताे लाेग देखते रह जाते. क्रिकेट के मैदान पर हेलीकॉप्टर शॉट लगाने वाले दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू (Divyang Cricketer Raja Babu) आज मुफलिसी में जी रहे हैं. गुजारा के लिए ई रिक्शा चलाना पड़ रहा है.

डिसेबल्ड क्रिकेट (disabled cricket ) एसोसिएशन के तहत यूपी क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके, राजा बाबू ने दिव्यांग क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था. उन्हें कई स्टेट अवार्ड भी मिल चुके हैं. फिलहाल वह मध्य प्रदेश के लिए व्हीलचेयर क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन क्रिकेट किट खरीद पाने में सक्षम नहीं है. घर का खर्च चलाने के लिए यह दिव्यांग स्टार क्रिकेटर अब गाजियाबाद की सड़कों पर ई रिक्शा चलाता हुआ नजर आ जाएगा. इस कहानी से शायद आपको शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी याद आ गई होगी, लेकिन राजा बाबू की कहानी भी इस फिल्म से कुछ अलग नहीं है.

दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू गुजारा के लिए ई रिक्शा चलाने काे मजबूर.

मूल रूप से जालौन के रहने वाले राजा बाबू (ghaziabad dhoni) गाजियाबाद में रहते हैं. गाजियाबाद में उनके क्रिकेट के चर्चे होते रहे हैं. साल 2017 में यूपी टीम के कप्तान रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग क्रिकेट खेला था. यही नहीं उनका सर्वाधिक रिकॉर्ड 20 गेंद पर 67 रनों का है. राजा बाबू का एक पैर 1997 में हुए एक ट्रेन हादसे में कट गया था. उस वक्त उनकी उम्र मात्र सात साल थी. क्रिकेट से लगाव था. पैर चले जाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी, और दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के मेंबर बन गए.

राजा बाबू काे मिला अवार्ड.

आर्थिक तंगी से परेशान राजा बाबू ई रिक्शा चला कर अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. यह ई-रिक्शा उन्हें उनके बेहतर कार्य के लिए एक समाजसेवी ने दी थी. हालत यह है कि वह क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली किट को भी अपने रुपए से नहीं खरीद सकते हैं, क्योंकि वह काफी महंगी होती है. यह सुनकर आपको फिल्म जर्सी के नायक की भी याद आ गई होगी जो अपने बेटे के लिए क्रिकेट की जर्सी खरीदने के लिए संघर्ष करता रहता है. राजा बाबू (Raja Babu Helicopter Shot) ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद उत्तर प्रदेश की दिव्यांग टीम में क्रिकेट खेलना शुरू किया. कुछ समय बाद व्हीलचेयर क्रिकेट खेलना शुरू किया. वर्तमान में मध्य प्रदेश की टीम से व्हीलचेयर क्रिकेट खेल रहे हैं.

राजा बाबू काे मिला सम्मान.

उन्होंने बताया कि 2017 में खेल पर एक आर्टिकल लिखा था, जिसके बाद नोएडा के एक समाजसेवी ने उनकी मदद की. समाजसेवी ने खुश होकर एक ई-रिक्शा दी. जिसे चलाकर जीवन यापन कर रहे थे. उन्होंने बताया कि वह करीब 15 राज्यों में नेशनल दिव्यांग क्रिकेट खेल चुके हैं. उन्हें स्टेट अवार्ड मिला. साउथ के हीरो के साथ भी मैच हुआ था उसमें तीन मैचाें में अच्छा प्रदर्शन किया था. राजा बाबू का कहना है कि क्रिकेट काफी महंगा खेल है. बैट और दूसरी किट नहीं खरीद पा रहे हैं. उन्होंने क्रिकेट की किट दिलाने के लिए मदद की अपील की है. राजाबाबू ने बताया कि वह किराए के मकान में रहते हैं. दो बच्चे, मम्मी-पापा भी रहते हैं.

राजा बाबू काे मिला अवार्ड.

ABOUT THE AUTHOR

...view details