नई दिल्ली: गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में 7 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या मामले में जिला न्यायालय गाजियाबाद ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. फैसले के बाद मृतक बच्ची के परिजनों का कहना है कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन दोषियों को फांसी दिलाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
क्या है मामला
6 अक्टूबर 2018 को 7 वर्षीय मासूम बच्ची को अगवा कर दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया था. बलात्कार के बाद मासूम बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी गई, हत्या के बाद मासूम बच्ची का शव पास की मस्जिद की छत पर फेंक दिया गया. अब करीब 15 महीने बाद मासूम बच्ची के परिवार वालों को इंसाफ मिला है. जिला न्यायालय गाजियाबाद ने इस पूरे मामले में एक आरोपी को 20 फरवरी को दोषी ठहराया था. 24 फरवरी सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने निर्धारित की थी. सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय गाजियाबाद ने आरोपी मुजीब को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
उच्च न्यायालय जाएंगे परिजन
ईटीवी भारत ने पीड़ित पक्ष के वकील सैय्यद आसिम अली से खास बातचीत की. सैयद आसिम अली ने कहा कि पूरे मामले को लेकर आज जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है. हम न्यायालय के फैसले का हम सम्मान करते हैं. दोषी मुजीब को 302, 376A और B में दंडित कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं और उसे स्वीकार करते हैं, लेकिन हमें इसमें मृत्युदंड की उम्मीद थी. इसके लिए हम उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ेंगे. 7 साल की मासूम बच्ची के इंसाफ की लड़ाई लड़ने में सीनियर अधिवक्ता सैयद आसिम अली का सहयोग अधिवक्ता अनस अली और अधिवक्ता जिया उल हक ने किया है.