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दिल्ली एनसीआर में हवा हुई ज़हरीली, रेड जोन में है कई इलाकों का प्रदूषण स्तर

दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में बुधवार को इजाफा देखने को मिला है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 239 है, जो की 'खराब' श्रेणी में है, जबकि गाजियाबाद के लोनी इलाके का प्रदूषण स्तर 356 तक पहुंच गया है, जो 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है.

Delhi NCR in bad condition in pollution
Delhi NCR in bad condition in pollution

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Published : Oct 19, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Oct 21, 2022, 10:41 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में बुधवार को इजाफा देखने को मिला है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 239, गाज़ियाबाद का 266, नोएडा का 270 और ग्रेटर नोएडा का 252 AQI दर्ज किया गया है, जो की 'खराब' श्रेणी में है. वहीं गाजियाबाद के लोनी इलाके का प्रदूषण स्तर 356 तक पहुंच गया है, जो 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर मध्यम श्रेणी में है, जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

आमतौर पर दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर के पहले हफ्ते से प्रदूषण स्तर में इजाफा होना शुरू हो जाता है. बात अगर पिछले वर्षों की करें अक्टूबर के बाद दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील होना शुरू हो जाता है. बुधवार को दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण स्तर रेड और डार्क रेड जोन में पहुंच चुका है, जो कि सेहत के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है.

दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

दिल्ली-एनसीआर के इलाके प्रदूषण स्तर
आनंद विहार, दिल्ली NA
आईटीओ, दिल्ली 233
एनएसआईटी द्वारका, दिल्ली 321
शादीपुर, दिल्ली 352
जहांगीरपुरी, दिल्ली 318
वजीरपुर, दिल्ली 318
बवाना, दिल्ली 308
लोनी, गाज़ियाबाद 356
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद 236
सेक्टर 116, नोएडा 314
सेक्टर 125, नोएडा 297

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-

  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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Last Updated : Oct 21, 2022, 10:41 AM IST

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